सीटू की स्थापना के पचास वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेशभर में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम आयोजित

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शिमला, 30 मई, 2020। सीटू की स्थापना के पचास वर्ष पूर्ण होने पर सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदेशभर में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम आयोजित किये गए।

इन कार्यक्रमों में प्रदेश के ग्यारह जिलों में हज़ारों मजदूरों ने भाग लिया। इस दौरान मजदूरों ने सीटू के संविधान की शपथ ली।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सीटू के जिला व ब्लॉक कार्यालयों में सीटू द्वारा ध्वजारोहण किया गया व शहीदों को पुष्प अर्पित किए गए।

इस दौरान विभिन्न जगहों पर सेमिनार,वक्तव्य व बैठकें आदि कार्यक्रम आयोजित किये गए।

शिमला जिला में शिमला शहर,रामपुर व रोहड़ू, सिरमौर जिला में नाहन व पच्छाद, सोलन जिला में सोलन, परवाणु, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ व दाड़लाघाट, ऊना जिला में ऊना,अंब व गगरेट, हमीरपुर जिला में हमीरपुर, सुजानपुर, नादौन, बड़सर व भोरंज,कांगड़ा जिला में पालमपुर व धर्मशाला, चंबा जिला में चंबा,भरमौर व चुवाड़ी,मंडी जिला में मंडी, धर्मपुर, निहरी व हणोगी, कुल्लू जिला में कुल्लू, औट, निरमण्ड व आनी, किन्नौर जिला के टापरी व सांगला आदि में सीटू के स्थापना दिवस पर अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा कि सीटू का पचास साल का लंबा सफर एकता, संघर्ष व बलिदानों का सफर रहा। इस दौरान सन 1975 की इमरजेंसी का मुकाबला, सन 1974 की रेलवे मजदूरों की ऐतिहासिक हड़ताल के साथ अडिग खड़े रहना, सन 1991 में लायी गयी उदारीकरण, निजीकरण व वैश्विकरण की नीतियों के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष, वर्ष 2014 के बाद चौबालिस श्रम कानूनों को खत्म करके केवल चार श्रम संहिताओं में बदलने के खिलाफ संघर्ष, नई आर्थिक नीतियों के खिलाफ अठारह देशव्यापी हड़तालें व कोरोना महामारी में चौदह श्रम कानूनों पर हमलों के खिलाफ सीटू के निरन्तर संघर्ष इस कड़ी में प्रमुख घटनाक्रम रहे।

इस दौरान सीटू ने साम्प्रदायिकता तथा जातिवादी शोषण व उत्पीड़न के खिलाफ निरन्तर संघर्ष किया।

हिमाचल प्रदेश के छः सीटू नेताओं की शहादतों सहित देश भर में पूंजीपतियों की मजदूर विरोधी नीतियों का मुकाबला करते हुए सीटू के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने शहादतें दीं। सीटू ने आर्थिक संघर्ष को वर्ग संघर्ष व सामाजिक संघर्ष से जोड़कर मजदूर आंदोलन को एक नई दिशा दी।

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