सब कुछ ही जब निजी हाथों में देना है, तो फिर देश में सत्ता और सरकार का क्या काम : राणा

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हमीरपुर। सब कुछ अगर निजी हाथों में ही देना है तो फिर सत्ता और सरकार का क्या काम है। यह बड़ा सवाल खड़ा करते हुए राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने बीजेपी की सत्ता को घेरा है।

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले निजीकरण के धुर विरोधी रही बीजेपी ने सत्ता में आते ही एक-एक करके देश के संसाधनों को बेचने का काम शुरू कर दिया। जो कि देश के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।

राणा ने कहा कि व्यक्तिगत विकास में लगी बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग करके प्रदेश की अर्थव्यवस्था का जनाजा निकाल दिया है। देश की धरोहरों को बेचने का क्रम लगातार जारी है।

बीएसएनएल हो या सरकारी उपक्रम में चलने वाली पेट्रोलियम कंपनियां, एयर इंडिया , हवाई अड्डे, रेल या फिररेलवे प्लेटफॉर्म हों, सरकारी उपक्रम में चलने वाले बैंक हों या अन्य सरकारी संसाधन व संस्थाएं हों सरकार एक-एक करके सबको फरोख्त करने में लगी है और अब नए कृषि बिल में किसानों के हितों को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखा गया है।

सरकार की इस सेल नीति से देश पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकारें कर्ज के सहारे टाईम पास कर रही हैं। जबकि केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड जो आपात स्थिति के लिए रिजर्व रखे गए होते हैं उन फंडों तक को हड़प लिया है।

विभिन्न टैक्सों के साथ जीएसटी रिटर्न के फंड को कहीं और इस्तेमाल कर लिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी व जवाबदेही एक तरह से खत्म हो चुकी है और अब सब कुछ प्राइवेट सेक्टर की नीतियों व मुनाफे की नीति के आधार पर इस देश में चलेगा जिससे कमजोरों, लाचारों, पिछड़ों व दलितों को मुख्यधारा में लाने का राजनीति का सपना तबाह हो जाएगा।

इस कारण से कमजोर वर्ग पूंजीवाद व सामंतशाही के शिकंजे में एक बार फिर फंस जाएंगे। जिस पूंजीवाद व सामंतशाही से वर्षों के संघर्ष के बाद कांग्रेस ने हजारों कुर्बानियां व वर्षों के संघर्ष के बाद देश को निजात दिलाई थी।

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