शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 5 ‘ई’ इफेक्टिव, ऐफिशिएंट, इंपावर, ईज़ और इक्विटी ग्रहण करने पर विशेष बल दिया है। वह आज पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित वेबिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली की कमियों को दूर करने के लिए इसमें प्रावधान रखे गए हैं। 21वीं सदी के बदलते भारत की आन्तरिक और वैश्विक चुनौतियों को पूरा करने की तैयारियां इसमंे प्रतिबिंवित की गईं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और यह मानवता की व्यापक दृष्टि के साथ मानवीय मूल्यों की स्थापना करने की सदी है। ऐसी स्थिति में उत्कृष्टता, गुणवत्ता और तकनीक इत्यादि को इस शिक्षा नीति में शामिल करना निश्चित रूप से सराहनीय है।
बन्डारू दतात्रेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति रूचि, योग्यता और मांग के बिना प्रतिस्पर्धा करने की प्रवृत्ति से शिक्षा को बाहर लाना आवश्यक था जो इस शिक्षा नीति से सम्भव हो पायेगा। यह हमारे युवाओं को रचनात्मक व प्रतिबद्ध जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।
पंजाब विश्वविद्यालय, चडींगढ़ के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि विश्वविद्यालय के 78 विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना पर कार्य कर रहे हैं।
निर्धारित समय अवधि के लिए अल्प अवधि और दीर्घ कालीन नीति तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी विशेष बल दिया जाए कि सभी कार्य बहु-विषयक तरीके से किए जायें।
यह वेबिनार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर केन्द्रित है।