राज्यपाल ने असामाजिक तत्वों से सावधान रहने का किया आह्वान

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शिमला। राज्य पुलिस विभाग ने यहां रिज पर भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।

इसी तरह, देशवासियों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे शांति व एकता को बनाए रखें, क्योंकि असामाजिक तत्व अपने निजी स्वार्थो के लिए आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

हमें ऐसे लोगों से सवाधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि ये असामाजिक तत्व आंतकवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद और धर्म के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश करते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर लड़ाई देश के लिए घातक है, जिससे न तो किसी व्यक्ति विशेष को लाभ होता है और न ही यह देशहित में है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लोगों में आपसी एकता होने पर ही आर्थिकी, न्यायपालिका आदि सुचारू रूप से चल सकती हैं।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ एकता के लिए सबसे बड़ी बाधा है और वर्तमान परिस्थितियों में व्यक्तिगत स्वार्थ और वैचारिक मतभेद देश के विकास में बड़ी रूकावट बन गए है।

हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि जब भी आपसी मनमुटाव हों, लोग इसका फायदा उठाकर हमें नुकसान पहुंचाते है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे सभी प्रकार के सामाजिक, भाषाई और धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर एक होकर देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए आगे आएं।

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए उनके योगदान को स्मरण किया जा सके।

उन्होंने कहा कि आज देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने इन दोनों महान विभूतियों को अपनी श्रंद्वाजलि अर्पित की।

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