मुख्यमंत्री ने निर्धारित समय में विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने का दिया निर्देश

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शिमला, 9 जून, 2020। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रशासनिक सचिवों और अन्य अधिकारियों को विभिन्न विकासात्मक कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि अनावश्यक विलंब से न केवल परियोजनाओं की लागत बढ़ती है बल्कि लोगों को इन परियोजनाओं के लाभ से भी वंचित होना पड़ता है। वह आज यहां वर्ष 2020-21 के बजट आश्वासनों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विद्युत परियोजनाओं विशेषकर 111 मेगावाट सावड़ा-कुड्डू और 180 मेगावाट बजोली-होली परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जाए।

उन्होंने कहा कि 40 मेगावाट रेणुका पनबिजली परियोजना का निर्माण 6947 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसे राष्ट्रीय योजना घोषित किया गया है और इसका निर्माण इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले लकड़ी के विद्युत खंभों को स्टील से बने खंभों से बदला जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहित करने तथा 18 से 45 वर्ष समूह के युवाओं को स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की है।

राज्य से बाहर फंसे 1.80 लाख से अधिक हिमाचली वापिस आ चुके हैं जो इस योजना का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने स्वर्ण जयंती पोषाहार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी बल दिया ताकि बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा सके।

जय राम ठाकुर ने कहा कि चूंकि दूध उत्पादन राज्य के किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है, इसलिए किसानों को उनके पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहतर पशु चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।

राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए पहले ही दूध खरीद का मूल्य दो रूपये प्रति लीटर बढ़ाया है। उन्होंने वृक्षारोपण के लिए प्रभावी कदम उठाए की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 12 हज़ार हैक्टेयर भूमि पर पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है तथा राज्य के वन आवरण क्षेत्र में वृद्धि के लिए इन पौधों को बचाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुएा कहा कि ग्रामीण हस्तकला और हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि इससे न केवल राज्य कि आर्थिकी को बल मिलेगा बल्कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थानीय उत्पादों पर बल दिया है। राज्य के मन्दिरों और धार्मिक स्थलों में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग आते हैं इसलिए इन स्थलोें को अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रयास होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने नीति निर्माताओं को स्वास्थ्य रणनीति को पुनःनियोजित करने पर मजबूर किया है ताकि राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों तक विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।

विद्यार्थियों में आनुवंाशिक विकारों के प्रारम्भिक अवस्था में ही पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच अभियान आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को 10 मोबाइल हेल्थ सेन्टर शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए ताकि राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है क्योंकि यह राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के अतिरिक्त परिवहन का प्रमुख साधन है। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर समाप्त करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि चूंकि सड़कों को पक्का करने का समय सीमित है, इसलिए सड़कों को पक्का करने का कार्य शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने सड़क सुविधा से वंचित पंचायतों को प्राथमिकता के आधार पर सड़कों से जोड़ने पर बल दिया।

जय राम ठाकुर ने कहा कि यातायात के वैकल्पिक साधनों की भी संभावना तलाशने के लिए पग उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि तत्तापानी और सलापड़ के मध्य जलमार्ग को शीघ्रता से पूर्ण कर लोगों को समर्पित किया जाना चाहिए।

इसका निर्माण पूर्ण होने से न केवल यात्रियों को सुविधा प्राप्त होगी बल्कि क्षेत्र में पर्यटन तथा जलक्रीड़ा को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने मण्डी जिला के बगलामुखी और शिमला जिला में नारकण्डा से हाटू मन्दिर के बीच रज्जूमार्ग परियोजनाओं के निर्माण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का कौशल उन्नयन आवश्यक है ताकि वे स्वरोजगार आरम्भ कर औरों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के योग्य बन सकें। उन्होंने कहा कि लगभग 80 हजार युवाओं को कौशल विकास भत्ता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिनमें से 35 हजार युवाओं को यह भता पहले ही दिया जा चुका है।

राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत लोकडाॅउन के दौरान हिमाचल में आए प्रवासियों का डेटाबेस बनाने के लिए कौशल रजिस्टर आरम्भ किया है। इस योजना के आरम्भ होने के एक सप्ताह के भीतर ही 9000 युवाओं ने अपना पंजीकरण करवा लिया है।

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