प्राकृतिक खेती से निकल रही किसानों की आत्मनिर्भरता की राह

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मंडी। हिमाचल सरकार के प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास रंग लाने लगे हैं। मंडी जिला में लोगों का रूझान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा है। कम लागत और अधिक मुनाफे के चलते ये खेती किसानों की आर्थिकी मजबूत करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में तो उपयोगी है ही साथ ही रसायनिक खाद रहित उत्पादों का सेवन व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कारगर है।

खासकर कोविड-19 महामारी के इस दौर में देसी गाय के गोबर और गौमूत्र पर आधारित यह कृषि पद्धति लोगों को बहुत रास आ रही है।

12 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य

परियोजना निदेशक आतमा मंडी डॉ ब्रह्म दास जसवाल इस बारे जानकारी देते हुए बताते हैं कि पिछले वित् वर्ष में जिला मंडी में 8045 किसान इस कृषि पद्धति से जुडे़ हैं । इस साल 12000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार लगातार उठा रही प्रभावी कदम

उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के मार्गदर्शन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में लगातार प्रभावी कदम उठाए गए हैं। बीते दो साल में किसानों को प्राकृतिक खेती की उचित जानकारी देने के लिए प्रत्येक विकास खंड में एक खंड प्रौद्योगिकी प्रबंधक और दो सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक रखे गए हैं।

जिला स्तर पर परियोजना निदेशक के अलावा उप-परियोजना निदेशक तथा विषयवाद विशेयज्ञ (सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती) कार्य कर रहे हैं।

हर संभव मदद प्रदान कर रही सरकार

डॉ ब्रह्म दास बताते हैं कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती में किसानों को हर संभव मदद प्रदान कर रही है। देसी गाय खरीदने पर अधिकतम 25000 रुपए अथवा 50 प्रतिशत अनुदान, प्लास्टिक ड्रम खरीदने के लिए 75 प्रतिशत प्रति ड्रम, गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए लागत का 80 फीसदी या 8000 रुपए अनुदान तथा संसाधन भंडार खोलने के लिए 10000 रुपए प्रति व्यक्ति अथवा सामूहिक रूप में 50000 रुपए तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

बाजार में भी बढ़ी है मांग

उनका कहना है कि कोरोना काल में लोग प्राकृतिक खेती उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं। बाजार में रयासनमुक्त उत्पादों की मांग बढ़ी है। जरूरी है किसान समय की मांग को समझें और इस रसायनमुक्त कृषि पद्धति को अपनाकर लाभ व स्वास्थ्य दोनों कमाएं।

इसके साथ साथ सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, पशुपालन तथा मसरूम उत्पादन या मौन पालन या रेशम कीट पालन जैसी सहायक गतिविधयां अपनाकर खुशहाल बनें।

यहां करें संपर्क

उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती को लेकर अधिक जानकारी के लिए संबंधित कृषि विकास खंड अधिकारी के अलावा जिला स्तर पर दूरभाष नंबर 01905-235182 पर संपर्क कर सकतें हैं।

क्या कहते हैं जिलाधीश

जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुरूप मंडी जिला में प्राकृृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों की हरसंभव मदद की जा रही है।

इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता देने के अलावा प्राकृतिक खेती करने की विधि को लेकर उचित प्रशिक्षण देने पर जोर दिया जा रहा है।

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