शिमला। प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्य कायर्कारी अधिकारी, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को एक पत्र लिखा जिसमें आग्रह किया गया है कि अज्ञात शवों की पहचान के लिए वह अपने डेटाबेस के प्रयोग की अनुमति दें।
चूँकि मृत्यु के पश्चात निजता का अधिकार तो समाप्त हो जाता है, परन्तु अन्तिम संस्कार तक मानव गरिमा का अधिकार बना रहता है, इसलिए प्राधिकरण के डेटाबेस से मृत व्यक्तियों के बायोमेट्रिकस् मिलान करने की अनुमति दी जाए। इस से किसी जीवित व्यक्ति के निजता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा।
इससे मृत शवों की पहचान करके उन के परिवार को सौंपा जा सकेगा और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार उन का क्रियाकर्म किया जा सके।
पुलिस महानिदेशक ने प्राधिकरण से आग्रह किया है कि इसके लिए एक प्रभावी प्रणाली तय करें।
यहाँ यह बताना प्रासंगिक है कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 100 अज्ञात शव मिलते हैं।