पौष्टिक, शाकाहारी भोजन, स्वस्थ जीवन शैली व योगाभ्यास रखेगा कोविड-19 से सुरक्षित: राकेश पंडित

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शिमला। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, मानव संसाधन विकास केंद्र एवं इंडियन काउंसिल फॉर फिलासफीकल रिसर्च नई दिल्ली के तत्वावधान में बीपीएस महिला विश्वविद्यालय हरियाणा द्वारा योग एवं जीवन शैली के माध्यम से कोविड में तनाव मुक्ति विषय पर आयोजित 7 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र में बोलते हुए डॉ राकेश पंडित ने बताया कि नियमित योग अभ्यास, प्राणायाम, ध्यान केंद्रित श्वास-श्वास आदि के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण में तनाव, चिंता एवं अवसाद से बचा जा सकता है।

इस ऑनलाइन तरंग कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उदबोधन में योग एवं जीवन शैली के माध्यम से कोविड में तनाव मुक्ति विषय पर प्रतिभागियों से अपने विचार सांझे किए।

राष्ट्रीय कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मैडीसिन के बोर्ड ऑफ गवर्नरस के सदस्य डॉ राकेश पंडित ने बताया कि खाना पकाने में प्रयोग की जाने वाली ताजा शाक वनस्पतियों (जड़ी-बूटी क्यूलनरी हर्बस) के नियमित प्रयोग से कोरोना महामारी में अपनी रोगप्रतिकारक शक्ति-इम्यूनिटी को बढा कर सुरक्षित रहा जा सकता है।

पुदीना, तुलसी पत्र, कालाजीरा, अदरक, प्याज, लहसुन, हरी/लाल/काली मिर्च, अजवायन के पत्ते, कढ़ी पत्ता, सोंफ, धनिया, अनारदाना, छोटी-बडी इलायची, तेजपत्ता, दालचीनी, लोंग आदि अनेकों वनस्पतियां हैं जिनका खाना पकाने में नियमित प्रयोग कर हम अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं।

विटामिन ‘सी’ की कमी को दूर करने के लिए 2-3 आंवला, निम्बू का प्रतिदिन सेवन आवश्यक है। प्रातः सूर्य की किरणों में 15-20 मिनट बैठना या टहलना विटामिन ‘डी’ की भरपाई करेगा, क्योंकि जिन व्यक्तियों में विटामिन सी और डी पर्याप्त मात्रा में रहती है उनको कोरोना संक्रमण का खतरा अन्य की अपेक्षा काफी कम पाया गया है।

उन्होंने योग पर हुए प्रमाणिक शोधों के बारे में कहा कि देश विदेश में योग पर हुऐ अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि 20-40 मिनट प्रतिदिन योगाभ्यास करने से हृदय की गति, सांस की गति, रक्तचाप, शारिरिक एवं मानसिक स्टिफनैस, तनाव-चिंता-निराशा, नकारात्मकता कम होती है अपितु फेफड़ों की श्वास क्षमता (वायटल कैपैस्टी) शरीर और मन का लचीलापन, प्रसन्नता-आनंद की अनुभूति, याददाश्त तथा मानसिक क्षमताओं में वृद्धि पाई गई है।

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