निजी एजेंडे पर चलाने की जिद्द में केंद्र सरकार देश के उपक्रमों को बेचने पर आमादा : राणा

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हमीरपुर, 13 जून, 2020। देश की जनता से मिले जनादेश से खिलवाड़ करते हुए देश को व्यक्तिगत एजेंडे पर चलाने की जिद्द में अब केंद्र सरकार दशकों की मेहनत से बने सरकारी उपक्रमों को नीलाम करने पर आमादा है।

यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि जो सरकारी व गैर-सरकारी उपक्रम देश हित में कांग्रेस ने दशकों की मेहनत से खड़े किए थे, उन्हें निजी एजेंड को साधने के लिए अब केंद्र सरकार फरोख्त करने लगी है।

ऐसे में जब समूचा देश महामारी व आर्थिक संकट के शिकंजे में है, तो केंद्र सरकार देश के प्रॉफिट मेकिंग सरकारी व गैर-सरकारी उपक्रमों को फरोख्त करने में लगी हुई है। जिसके चलते देश का बैंकिंग सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

सरकार की गलत नीतियों व सियासी दबाव के चलते देश के अनेक बैंक तबाह हो चुके हैं व कई बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय हो चुका है, जिससे एक ओर जहां देश में बेरोजगारी बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी के बैंकों में जमा धन पर खतरा मंडराने लगा है।

आलम यह है कि रिजर्व बैंक तक के रिजर्व फंड सियासी दबाव में इस्तेमाल कर लिए गए हैं और अब आपात स्थिति में देश कंगाली के दौर में खड़ा है। देश के कई हवाई अड्डे उस बीजेपी सरकार ने निजी हाथों के हवाले कर दिए हैं, जो बीजेपी सरकार विपक्ष में रहते हुए निजी सेक्टर की घोर विरोधी रही है, जिससे साबित हो चुका है कि सत्ता से बाहर रहते हुए और सत्ता में आने के बाद बीजेपी के अपने वक्तव्य परस्पर विरोधाभासी हैं।

कोविड संकट के दौरान देश में करीब 12 करोड़ नौजवान बेरोजगार होकर मारे-मारे फिर रहे हैं। केंद्र सरकार राहत की बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है लेकिन हकीकत की जमीन पर निराशा व अविश्वास का माहौल बना हुआ है।

राणा ने कहा कि केंद्र के तानाशाह रवैये में भाजपा शासित राज्य सरकारें पंगु हो कर रह गई हैं। किसी भी भाजपा शासित राज्य सरकार के पास अपने विवेक से फैसला लेने का मौलिक हक मौजूद नहीं बचा है, जिससे लोकतंत्र पर तानाशाही के हावी होने का खतरा निरंतर बढ़ रहा है।

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