ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 संकट के बीच मनरेगा के तहत मिल रहे काम व रोजगार के अवसर

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शिमला, 09 मई, 2020। समाज के हर वर्ग के समावेशी और समान विकास के साथ-साथ राज्य की प्रगति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति की संभावनाओं को पूरा किया जा सके और विकास का लाभ जमीनी स्तर पर हर वर्ग तक पहुंच सके।

लाॅकडाउन का समय ऐसा कठिन समय रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में कामगारों, अकुशल श्रमिकों और विशेष रूप से गरीबी की कगार पर रहने वाले लोगों को गुजर बसर और अपनी आजीविका कमाने तथा दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साधनों की तलाश थी।

बेरोजगारों और कम रोजगार पा रहे लोगों के लिए काम के अवसरों को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बहुआयामी विकासात्मक रणनीति तैयार की गई जो विकास को बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

कोरोन वायरस के दौरान मनरेगा योजना के तहत विकास और रोजगार सृजन कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समावेशी विकास का एक मजबूत माॅडल बनकर उभरा है।

केंद्र और राज्य सरकार ने लाॅकडाउन की अवधि के दौरान श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए पहल की और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों को शुरू किया। परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य शुरू हुए और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को अकुशल श्रमिकों को लाभ मिला, जिससे कोविड-19 के प्रकोप के दौरान इस वर्ग के लोगों को निरन्तर आय के स्रोत मिल रहे हैं।

राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 185 प्रति दिन रुपये से बढ़ा 198 रुपये प्रति दिन की है, जिससे मनरेगा के मजदूरों को लाभ मिला है।

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा करने के दौरान राज्य सरकार के आपसी सामाजिक सुरक्षा और मास्क पहनने के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

शिमला जिले में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 1985 कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें 10471 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के माध्यम से जिला में 20,73,253 रुपये की राशि विकास कार्य पूर्ण होने के पर मनरेगा श्रमिकों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी।

जिले के बसंतपुर खण्ड में 116, चैहारा में 47, चैपाल में 253, जुब्बल में 108, कुपवी में 43, मशोबरा में 193, ननखड़ी में 77, नारकंडा में 139, रामपुर बुशहर में 548, रोहडू में 73 और ठियोग खण्ड में 388 कार्य प्रगति पर हैं।

मनरेगा कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के कार्यों को सम्मिलित किया गया है ताकि इन कार्यों में लगे व्यक्तियों को निरंतर कार्य प्रदान किया जा सके। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन टैंक, भूमि समतलन, वृक्षारोपण और लघु सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं।

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