कोविड-19 राहत और रोकथाम उपायों में नियुक्त कर्मचारियों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि की अनुमति

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शिमला। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रदेश में कार्यरत ऐसे सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी, जो कोविड-19 के दृष्टिगत डयूटी पर तैनात किए गए हैं, की मृत्यु होने पर उनके परिवारों को प्रदेश सरकार ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में से 50 लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि देने की अनुमति दी है।

उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जिनके लिए भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले ही बीमा योजना की घोषणा कर दी थी, वे इसमें शामिल नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के पास विभिन्न निगमों, बोर्डों, स्वायत्त निकायों और एजेंसियों द्वारा उनके अधिकारियों, कर्मचारियों को इस निर्णय के दायरे में लाने हेतु प्रतिवेदन प्राप्त हो रहे है, क्योंकि वे कोविड-19 महामारी से लड़ने की प्रक्रिया में भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के उपरांत प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी विभागों के साथ-साथ निगमों, बोर्डों, स्वायत्त निकायों और विभिन्न एजेंसियों में काम करने वाले सभी अधिकारियों, जो कोविड-19 के दृष्टिगत राहत उपायों के लिए कार्य कर रहे हैं, को इसके अन्तर्गत कवर करने का निर्णय लिया है। ।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मृत्यु होने पर कोविड-19 से सम्बन्धित डयूटी पर स्वच्छता के काम में लगे नगर निगम शिमला की सैहब सोसायटी के नियमित, आउटसोर्स, अनुबंध, दैनिकभोगी कर्मचारियों को भी इसके अन्तर्गत लाया गया है।

कोविड-19 महामारी के दौरान केवल आधिकारिक डयूटी में तैनात, जिनका कोविड-19 महामारी से लड़ने में कोई भूमिका नहीं है, वे इस अनुग्रह अनुदान राशि के पात्र नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग, कोविड -19 संस्थानों में कार्यरत हेल्थ वर्कर, क्वारंटीन केन्द्र में प्रबन्धन के लिए तैनात लोग, प्रवासियों के आने और जाने के कार्य के लिए तैनात लोग, हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक एवं परिचालक तथा पर्यवेक्षण कार्यों के लिए तैनात निगम के अधिकारी, खाद्यान्न, राशन की आपूर्ति कार्यों में लगे कर्मचारी, स्वच्छता कार्यकर्ता, पुलिस के सुरक्षाकर्मी व होमगार्ड इत्यादि को पात्र फ्रंटलाइन कार्यों में शामिल किया गया है।

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