इस बार पर्यावरण दिवस मनाने की व्यवस्था प्रकृति ने की है स्वयं : राणा

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हमीरपुर, 5 जून, 2020। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना महामारी जहां एक ओर समस्त संसार को भय ग्रस्त व त्रस्त किए हुए है। वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान प्रकृति ने भू-मंडल के पर्यावरण को नैसर्गिक रूप से निर्मल कर दिया है।

यह चमत्कार ईश्वरीय कृपा से संभव हो पाया है। अब तक जहां हर वर्ष पर्यावरण दिवस मात्र औपचारिकता के साथ पूरा किया जाता था, वहीं इस बार लॉकडाउन के दौरान प्रकृति का साथ देने के कारण समूचे संसार का पर्यावरण निर्मल व नैसर्गिक हो चुका है।

उन्होंने कहा कि इसे यथावत् बनाए रखने की अब हम सबकी जिम्मेदारी है। देश-प्रदेश की सरकारें करोड़ों रुपया खर्चने के बावजूद भी बद से बदत्तर होते पर्यावरण को नहीं सुधार पा रही थी, वह पर्यावरण प्रकृति का साथ मिलने से पूरी तरह से स्वच्छ हो चुका है।

महामारी के बीच इस बार पर्यावरण के असली रूप को मनाने की व्यवस्था प्रकृति ने स्वयं कर दी है। प्रकृति ने वह कमाल कर दिखाया है, जिसको करोड़ों के खर्चे के बावजूद सरकार व सिस्टम नहीं कर पा रहा था।

विश्व का हर देश इस वक्त महामारी से जूझ रहा है व अधिकांश तौर पर घरों में लॉकडाउन है। इसके चलते पर्यावरण को अप्रत्याशित लाभ मिला है। आज कोरोना काल में जहां पूरे विश्व में यातायात नाम मात्र है, फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले केमिकल व धुआं बंद है, प्रकृति का दोहन कर रही माइनिंग का काम न के बराबर है।

इस सब का लाभ प्रकृति को मिला है। आज विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार दिल्ली की आवोहवा स्विजरलैंड की हवा की तरह स्वच्छ है, पंजाब के शहरों से हिमायाल के पहाड़ दिख रहें हैं, बनारस, हरिद्वार के घाटों पर गंगा आज तक इतनी साफ नहीं दिखी जितनी आज है।

इटली की सबसे व्यस्ततम नहरों में फिर से डॉलफिन और बतखों का बसेरा है। इसके इलवा इसका जो सबसे बड़ा लाभ भारत को मिला है वो है की भारत में पर्सनल हाईजीन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, भारत की सड़कें पहली बार गुटखे की पीक से मुक्त हुई हैं।

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