शिमला। कोरोना महामारी के मध्यनजर हिम सुरक्षा अभियान व भविष्य में किसी भी प्रकार की मेडिकल अथवा स्वास्थ्य डयूटी न लगाने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का एक प्रतिनिधिमण्डल उपायुक्त शिमला से मिला व इस संदर्भ में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान शिमला प्रोजेक्ट के सभी आंगनबाड़ी कर्मी उपायुक्त कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए व इस डयूटी पर अपना कड़ा रोष ज़ाहिर किया। ये सभी कर्मी लगभग दो घण्टे तक उपायुक्त कार्यालय के बाहर रोष स्वरूप खड़े रहे।
यूनियन ने उपायुक्त शिमला से मांग की है कि उनकी हिम सुरक्षा अभियान डयूटी को तुरन्त रद्द किया जाए व उन्हें जबरन इस डयूटी के लिए मजबूर न किया जाए।
यूनियन ने चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी कर्मियों से जबरन हिम सुरक्षा अभियान की डयूटी करवाई गई तो फिर प्रदेश भर के हज़ारों आंगनबाड़ी कर्मी सड़कों पर आकर आंदोलन करेंगे।
आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की राज्य उपाध्यक्षा व जिला शिमला कोषाध्यक्ष हरदेई, शिमला प्रोजेक्ट की नेत्री मीनाक्षी देवी, सुनीता देवी, ललिता देवी, मीना देवी, संतोष कुमारी, रीटा देवी, राखी शर्मा व प्रोमिला देवी ने उपायुक्त शिमला से मांग की है कि कोरोना महामारी के मध्यनजर हिम सुरक्षा अभियान में आंगनबाड़ी कर्मियों की डयूटी को तुरन्त रद्द किया जाए क्योंकि वे स्वास्थ्य कर्मी नहीं हैं व उन्हें मेडिकल फील्ड का कोई ज्ञान नहीं है।
इस डयूटी से जहां एक ओर मरीजों व आम जनता की जान को खतरा बढ़ सकता है वहीं पर बिना बीमा योजना व उचित सुरक्षा के अभाव में आंगनबाड़ी कर्मियों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को इस डयूटी से तुरन्त मुक्त किया जाए क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मी न तो स्वास्थ्य कर्मी हैं और न ही वे इस कार्य में निपुण हैं।
उन्हें इस कार्य का कोई उचित परीक्षण नहीं दिया गया है और न ही उनकी सेवा शर्तों में इस तरह के कार्यों के लिए उन्हें नियुक्त किया गया है।
आंगनबाड़ी कर्मी छोटे बच्चों के लालन-पालन तथा गर्भवती व धातृ महिलाओं से सम्बंधित कार्यों के लिए नियुक्त किये गए हैं। वे योजनकर्मी हैं व एक विशेष योजना के क्रियान्वयन के प्रति ही वे जबावदेह हैं।