शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि शिमला में शुक्रवार को मिले अनाथ दृष्टिबाधित बच्चे को ढली स्थित विशेष विद्यालय में रखकर उसका इलाज कराया जाए। वह एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। उसकी पढ़ाई की व्यवस्था भी वहीं की जाए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे एक पत्र में अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अनाथ दृष्टिबाधित बच्चा शुक्रवार शाम को टूटीकंडी बस स्टैंड पर पुलिस को मिला था। पुलिस ने उसे चाइल्ड लाईन के माध्यम से
उसे ज़िला चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी को सौंप दिया। उसका कोरोना टेस्ट कराया गया जो नेगेटिव आया। अब उसे ढली में दृष्टिबाधित बच्चों के विशेष विद्यालय में रखा गया है। बच्चा मानसिक तौर पर काफी परेशान लग रहा है। उसे मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की भी आवश्यकता है।
प्रो श्रीवास्तव से बातचीत में दृष्टिबाधित बच्चे ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का मूल निवासी है, लेकिन बचपन में ही उसके माता-पिता ने उसे पालने की बजाय किसी सरकारी एजेंसी के हवाले कर दिया।
वह बताता है कि उसे बाद में बंगलूरू स्थित किसी हॉस्टल में भेज दिया गया। उसने आठवीं की परीक्षा पास की है। उसके बाद वह पंजाब आया और किसी ने उसे हिमाचल सीमा पार करवाने के बाद शिमला की बस में बैठा दिया जहां वह पुलिस को मिला।
बच्चा ईसाई समुदाय का है। उसने बताया कि वह एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है जिसकी पूरी रिपोर्ट उसके पास है। वह चाहता है कि उसकी बीमारी का इलाज कराया जाए और पढ़ाई की व्यवस्था भी की जाए।
पत्र में मुख्यमंत्री से बच्चे का इलाज और पढ़ाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।