मंडी। जिला में इमारतों का मलबा सड़कें बनाने में काम आएगा । इससे मलबे और कचरे की अवैध डंपिंग की समस्या का समाधान होगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्रवण मांटा ने यह बात यहां राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों की अनुपालना में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक के बाद दी।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में बनी इस समिति में 9 और सदस्य हैं।
श्रवण मांटा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को इमारतों के निर्माण में बची अनुपयोगी सामग्री को सड़क निर्माण कार्य में प्रयोग करने को कहा गया है।
समिति के सभी सदस्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि संबंधित कार्यक्षेत्रों में किसी भी प्रकार का मलबा या ठोस कचरा सड़कों के किनारे न फेंका जाए और खासकर नदी नालों में तो बिलकुल भी नहीं।
इसमें लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई का बड़ा दायित्व है, क्योंकि मुख्यतौर पर निर्माण गतिविधियों से इस प्रकार का कचरा ज्यादा उत्पन्न होता है।
उन्होंने अधिकारियों को जिला में मलबे व कचरे के सही निष्पादन के लिए सड़कों के किनारे हर 10 किलोमीटर पर स्थल चिन्हित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने नगर परिषद अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्लास्टिक कचरे को निष्पादन के लिए एसीसी बरमाणा या लोक निर्माण विभाग को सौंपें ताकि इस कचरे का सदुपयोग किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह समिति हर तीन महीन में बैठक करेगी। अगली बैठक में उपरोक्त निर्देशों के अनुपालना की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।