सरकारी, गैर-सरकारी स्कूलों के संचालकों से चाहती क्या है सरकार, सपष्ट हो : अभिषेक राणा

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हमीरपुर। बीजेपी सरकार बनने के शुरुआती दौर में ही चरमराने लगे शिक्षा के ढांचे का अब लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह भट्ठा बैठ गया है। यह बात प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

उन्होंने कहा कि एजुकेशन एक्ट लागू करने की दलीलें देने वाली बीजेपी सरकार ने समूची शिक्षा प्रणाली को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। जो सरकार सत्ता में आने के बाद शिक्षा नीति बनाने के संवाद व बातें करती थी अब उसी सरकार के राज में सारी शिक्षा प्रणाली डगमगा कर रह गई है।

कन्फयूज सरकार के कन्फयूज शिक्षा मंत्री आज कुछ कहते हैं तो कल कुछ कहते हैं? आज गैर-सरकारी स्कूलों की वकालत करते हैं, तो कल निजी स्कूलों को अपने कन्फयूज फरमान जारी कर असमंजस की स्थिति में धकेल देते हैं? आलम यह है कि सरकारी स्कूलों में जनता अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहती है और गैर सरकारी स्कूलों को नित नए फरमान जारी करके खुद सरकार ने इस स्थिति में ला कर खड़ा कर दिया है कि अब वह यह फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि इस सरकार के राज में स्कूलों को संचालित भी कर पाएंगे या नहीं कर पाएंगे।

कभी सरकार चाहती है कि निजी स्कूलों को एनुअल फीस मिलना जरूरी है, तो कभी सरकार कहती है कि निजी स्कूल फीस नहीं ले सकते हैं।

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