विपक्ष द्वारा सरकार पर लगाए गए सभी आरोप राजनीति से ओतप्रोत: जय राम ठाकुर

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शिमला, 4 जून, 2020। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों का सहयोग कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने में बहुत ज्यादा रहा।

उन्होंने सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस महामारी से लड़ने में अपना सहयोग दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क,पीपीई और अन्य सभी चीजों की सप्लाई चाइना से ही हो रही थी पर अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ज्यादातर चीजें देश में ही बन रही हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय प्रदेश में केवल एक सक्रिय मामला रह गया था। वहीं सरकार का कर्तव्य था कि प्रदेश के उन लोगों को भी वापिस प्रदेश लाया जाए जो बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं।

मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकार उनको वापिस लाई चाहे इसकी वजह से प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ गए। सरकार ने वापिस लाने के बाद ऐसी व्यवस्था की कि कम्युनिटी स्प्रेड ना हो और सरकार इसमें पूर्ण सफल रही।

1 लाख 70 हजार लोग वापिस लाये गए। 13 ट्रेन्स के माध्यम से 6115 लोग लाये गए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज तक 361 कोरोना पॉजिटिव मामले के मामले आये हैं जबकि सक्रिय मामले 206 हैं।

दिल्ली से 86 और महाराष्ट्र से 141 लोग प्रदेश में वापिस आने पर पॉजिटिव पाए गए हैं।

प्रदेश का पॉजिटिव दर केवल 1 प्रतिशत है जबकि ठीक होने का प्रतिशत भी 40 है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इस वक़्त सिर्फ राजनीति की। विपक्ष ने जमीन पर कुछ नहीं किया पर अपने केंद्रीय नेतृत्व को 12 करोड़ का बिल भेज दिया कि हमने इतने का सामान प्रदेश के लोगों में बांट दिया।

सरकार पर आरोप लगाया गया कि पटवारी की भर्ती में गड़बड़ी की गई है। उच्च न्यायालय में मामला खारिज हो गया और एक भी अनियमियता नहीं पाई गई। ठाकुर ने कहा कि अब नेता विपक्ष के पास बोलने को कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी में कोई भ्रष्टाचार करेगा तो इससे बड़ा पाप कोई नहीं होगा। गलत करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।

सैनीटाइज़र घोटाले में सरकार ने तुरंत एक्शन लिया। ऑडियो वायरल मामले में भी स्वास्थ्य निदेशक ने मामला सामने आते ही सस्पेंड किया गया। विजिलेंस विभाग मामले की तफ्तीश कर रहा है।

वेंटिलेटर मामला में भी एक गुमनाम पत्र आया कि 3.5 लाख के वेंटीलेटर 10 लाख में खरीदे गए। जो आदमी अपना नाम ही ना लिख पाए तो उस पत्र को कितनी संजीदगी से लेना चाहिए, यह भी प्रश्न उठता है।

सरकार ने जो वेंटीलेटर 9.29 लाख में खरीदा आज भी जेम पोर्टल पर उसकी कीमत 10.30 लाख है। उन्होंने कहा कि यह एक एडवांस्ड वेंटिलेटर है जो कोविड-19 के लिए कारगर है।

वहीं 2.5 लाख के वेंटीलेटर की जो बात हो रही हों वह एक डेमो वेंटीलेटर है जो इंस्टिट्यूट को दिया गया था टैस्टिंग के लिए, 2.5 लाख की सिक्योरिटी लेकर। यह बेचने के लिए नहीं था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पत्र भेजने वाले पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और मान हानि का दावा भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पत्र लिखने वाले को पाताल से भी खोज कर बाहर लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा उन्हें विपक्ष के नेताओं के खिलाफ भी बहुत से पत्र बिना नाम पते के आते रहते हैं पर उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाती क्योंकि जो व्यक्ति अपना नाम तक नहीं बता सकता उसके आरोपों पर क्या विश्वास करना।

विपक्ष को संयम से काम लेना चाहिए। राजनीति से लगाये गए सभी आरोपों का सरकार खंडन करती है।

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