ऊना। लॉकडाउन के दौरान मिली छूट के बाद हिमाचल प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से 1,24,508 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया, जबकि 17,343 कार्य शुरू किए गए।
यह जानकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज वीरेंद्र कंवर ने जिला ऊना के सभी बीडीओ के साथ बैठक में कही। बैठक में कंवर ने कहा कि कुछ पंचायतों को छोड़कर पूरे प्रदेश में मनरेगा के कार्य आरंभ हो गए है।
अब तक 64 लाख रुपए का भुगतान दिहाड़ी के तौर पर मनरेगा कामगारों को किया गया है। इसके अलावा 1.37 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत सामग्री की खरीद के लिए व्यय किए गए।
कंवर ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत खर्च 2500 करोड़ रुपए किए जाएंगे। इसमें मनरेगा के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन, 14वें वित्तायोग तथा वाटरशैड का पैसा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पैसे का कोई अभाव नहीं है और केंद्र सरकार ने आवश्यकतानुसार और धन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है।
जिला ऊना के कार्यों की समीक्षा भी की
बैठक में वीरेंद्र कंवर ने जिला ऊना में मनरेगा के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने बताया कि बंगाणा में 265 कार्य मनरेगा के तहत शुरू किए गए और 1918 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया जा चुका है।
इसी तरह ऊना विकास खंड में 91 कार्य शुरू हुए, जिसमें 463 व्यक्तियों को रोजगार मिला, जबकि हरोली में 34 कार्य आरंभ हो गए हैं, जिनमें 299 कामगारों को रोजगार मिला है।
अंब विकास खंड में 148 कार्य शुरू हुए 1081 लोगों को काम दिया गया है, जबकि गगरेट में 38 कार्य शुरू किए गए, जिनमें 323 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने विभाग की अन्य योजनाओं के बारे में भी बीडीओ से जानकारी हासिल की।
मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना पर हुई चर्चा
बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मुख्यंत्री ग्राम कौशल योजना को जिला ऊना में लागू करने के लिए रूपरेखा तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते बहुत से हिमाचली अन्य प्रदेशों से वापस आए हैं, इसलिए मुख्यंत्री ग्राम कौशल योजना के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जा सकता है।
इसके लिए विभिन्न ट्रेड का चयन जल्द से जल्द किया जाए। बैठक में पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर भी उपस्थित रहे।