भारद्वाज बोले, मंत्रिमण्डलीय उप-समिति नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम के दायरे में किए गए गावं के नियमानुसार विकास के लिए प्रतिबद्ध

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शिमला, 07 जून, 2020। मंत्रिमण्डल द्वारा गठित मंत्रिमण्डलीय उप-समिति नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम के दायरे में किए गए गावं के नियमानुसार विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज कुफरी के चीनी बंगला में नगर नियोजन अधिनियम के दायरे में आए गांवों को अधिनियम से बाहर निकालने अथवा रखने के संबंध में प्राप्त प्रतिवेदनों के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत पूर्व में निर्मित भवनों को निरंतर सुविधा प्राप्त हो सके इसके लिए समिति द्वारा लोगों से विचार-विमर्श किया जा रहा है तथा आवेदन व सुझाव आमंत्रित किए जा रहे है।

उन्होंने बताया कि इस समिति के अध्यक्ष जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर है जबकि गोविंद सिंह ठाकुर और वे स्वयं इसके सदस्य है। उन्होंने कहा कि इसके तहत लोगों के हितों का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा तथा उन्हें सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जाएगी।

उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में जाकर नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम के तहत आए ग्रामीण क्षेत्रों के बारे में लोगों से जानकारी प्राप्त की जा रही है तथा लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए जन सुनवाई बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।

कुसुम्पटी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने भी 30 पंचायतों को इसके अधीन न लाने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षा मंत्री का इस कार्य के प्रति किए जा रहे गंभीर प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

नगर एवं ग्राम योजनाकार अंजली शर्मा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान रोहडू से एक, रामपुर से दो व ठियोग से एक व शिमला ग्रामीण, कुसुम्पटी सहित कुल 21 पंचायतों के आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें ग्राम पंचायत जलैल, आनंदपुर, कोट, थड़ी, रझाना, चायली, शकराह, दोलहटी, शामलाघाट, पुजारली, नालदेहरा, डुम्मी, चमियाना, भौंट, पगोग, फागु तथा बगोग सहित 17 पंचायतें शामिल हैं।

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