हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जनहित के विकास कार्यों से दूर भागती प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब सरकार को इस्तीफा देकर आराम फरमाना चाहिए, क्योंकि प्रदेश को चलाना इस सरकार के वश की बात नहीं है।
बढ़ती बेरोजगारी दर में 12 प्रतिशत के साथ हिमाचल ने देशभर में 7वें स्थान पर छलांग लगाई है, जोकि चिंता का विषय होने के साथ प्रदेश सरकार के लिए बेहद शर्मनाक भी है।
जारी प्रैस विज्ञप्ति में विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना संकटकाल में बेरोजगार होकर घर बैठे युवाओं के लिए केवल सब्जबाग दिखाने के अलावा कोई नीति सरकार ने नहीं बनाई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 3 साल के कार्यकाल में कोई ऐसा काम अब तक नहीं किया है, जिसके लिए सरकार की पीठ थपथपाई जा सके। सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। नए फोरलेन व नैशनल हाइवों का निर्माण तो दूर की बात है, इस सरकार से पुराने नैशनल हाइवे व सड़कें ही संभाली नहीं जा रही है।
गड्ढों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं और पर्यटन क्षेत्र में भी इन्हीं खराब सड़कों के कारण आर्थिक नुक्सान का खमियाजा प्रदेश भुगत रहा है, लेकिन सरकार अपनी ही ऊठापटक में व्यस्त है।
सरकार की आपसी लड़ाई का अफसरशाही पूरा फायदा उठा रही है। इस सुस्त व कमजोर सरकार के कारण अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह पहली सरकार होगी, जिसकी अफसरशाही पर जरा भी पकड़ नहीं है।
मंत्री से लेकर संतरी तक सब अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से चल रहे विकास कार्यों को या तो रूकवाया जा रहा है या फिर अपना नाम देकर उद्घाटन किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश की जनता भी इस सरकार से दु:खी व हताश-परेशान हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में डबल इंजन की बात भी नहीं की जाती है, क्योंकि डबल इंजन की तेज गति से विकास कार्य करवाने की बात कहकर सत्ता में आई भाजपा का इंजन पहले साल ही हांफ गया था। केंद्र का इंजन प्रदेश को मझदार में छोड़कर भाग गया और प्रदेश का इंजन पटरी से उतर गया है।