मंडी। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि किरतपुर- मनाली फोरलेन परियोजना के कारण मंडी जिला में ‘राइट ऑफ वे’ से बाहर साथ लगती निजी संपत्तियों और इमारतों को हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजे का मामला सरकार को भेजा जाएगा।
वे यहां उपरोक्त मामलों में नुकसान का आकलन करने के लिए गठित जिलास्तरीय समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त के नेतृत्व में बनी इस समिति में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग मंडल के कार्यकारी अभियंता, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक समिति सदस्य बनाए गए हैं। संबंधित एसडीएम समिति के समन्वयक हैं।
उपायुक्त ने कहा कि समिति की बैठक हर महीने आयोजित की जाएगी। इसका मूल मकसद फोरलेन परियोजना के कारण ‘राइट ऑफ वे’ से बाहर साथ लगती निजी संपत्तियों के नुकसान का आकलन कर प्रभावितों को समय पर राहत दिलाना है।
उपायुक्त ने संबंधित एसडीएम को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर जाने और नुकसान का आकलन कर 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में सौंपने के निर्देश दिए।
उन्होंने सुंदरनगर, बल्ह और सदर के एसडीएम को कहा कि वे अपने अपने क्षेत्र में प्रत्येक मामले की अलग अलग स्टेटस रिपोर्ट तैयार करें और अपनी टिप्पणियां भी साथ जोड़ें।
ऋग्वेद ठाकुर ने सुंदरनगर उपमंडल में जड़ोल के समीप नेशनल हाइवे के एक हिस्से पर सड़क के खराब होने के चलते वाहन चालकों को हो रही परेशानियों का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक को उसे तुरंत ठीक करवाने के निर्देश दिए।