भारत। फूजी फिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड स्वास्थ्यरक्षा तकनीक में नवीनतम जानकारी प्रदान करने, इमेजिंग के विकास और एप्लिकेशन के क्षेत्र में अग्रणी है। फूजी फिल्म ने परिवर्तन अभियान लॉन्च किया है। इस अभियान में भारत में ब्रेस्ट कैंसर की नियमित जांच करने की अहमियत को उभारने के साथ यह बताया गया है कि स्त्रियां कैंसर का पता लगाने के लिए खुद भी स्तनों की जांच कर सकती हैं।
इस अभियान का मकसद बदलाव लाना और बच्चों को न केवल अपनी सेहत के बारे में समय रहते जागरूक करना है, बल्कि अपनी मां, दादी और बहनों को ब्रेस्ट कैंसर की नियमित रूप से जांच कराने की आदत अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
इस कैंपेन की प्रमुख किरदार परी नाम की एक लड़की है, जो स्वर्ग से उतरी परियों का शुभंकर या प्रतीक है। यह मैस्कट सभी माताओं के लिए उनके सबसे बड़े प्रेरक तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जो और कोई नहीं, उनकी अपनी लड़कियां हो सकती हैं।
इस अभियान में परी नाम की लड़की अपनी मां के प्रति सौ फीसदी शुद्ध, गैरमिलावटी प्यार और लगाव को दिखाती है, जो अपनी मां के प्रति सभी लड़कियों को हो सकता है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि अगर कोई लड़की कुछ चाहे, जो खासतौर से उसके मां या पैरंट्स की अच्छी सेहत से संबंध रखता हो, तो वह पूरी दृढ़ता से अडिग रहकर अपनी बात मनवा सकती है।
परी के माध्यम से फूजीफिल्म का मकसद देश भर में नौजवान लड़कियों या महिलाओं तक यह संदेश पहुंचाना है कि ब्रेस्ट कैंसर का “जल्दी पता लगाओ, जिंदगी बचाओ”।
इस अभियान से संदेश पहुंचाने के लिए कॉमिक स्टोरी बोर्ड (कॉमिक्स में दिखाए जाने वाले ग्राफिक्स) की मदद ली गई है। इस कहानी का मुख्य किरदार परी पार्क में खेल रही होती है।
यहां वह एक पोस्टर देखती है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर और उसकी जल्दी जांच के बारे में बताया गया है। पोस्टर देखने के बाद उसमें सतर्कता और उत्सुकता की भावना जागती है और वह अपनी मां से इस बारे में पूछती है।
परी की मां उसके इस सवाल से हैरत में पड़ जाती है। इसके बाद दोनों एक डॉक्टर के पास जाने का फैसला करते हैं। अप्वाइंटमेंट के दिन परी अपनी मां के साथ डॉक्टर के पास जाती है। मां-बेटी डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में पूछते हैं।
डॉक्टर परी की मां को मैमोग्राफी टेस्ट कराने की सलाह देता है क्योंकि वह 40 वर्ष की उम्र पार कर चुकी हैं। बाद में परी अपनी मां को डायग्नोस्टिक सेंटर में ले जाती है, जहां उसकी सेहत की जांच होती है।
जांच रिपोर्ट को देखकर डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि उसकी मां में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं है और उनकी सेहत बिल्कुल ठीक है। ग्राफिक्स की मदद से कहानी सुनाकर ब्रैंड ने बेहद सरलता से बच्चों को स्तनों की जांच की अहमियत बता दी है।
इसके अलावा इस कहानी में डॉक्टर व्यावाहरिक तरीके से ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों पर प्रकाश डालता है और यह बताता है कि लाखों माताओं की जिंदगी बचाने के लिए ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी जांच इतनी महत्वपूर्ण क्यों है। इसके अलावा इस कॉमिक स्टोरी बोर्ड में घर पर स्तन की खुद जांच करने के आसान तरीकों को भी दिखाया गया है।
इस स्टोरी बोर्ड से सभी बच्चों को इस खास दिन एक आकर्षक संदेश मिलता है। इस कहानी का उद्देश्य देश के हर घर में बदलाव लाना है जब हमारे हर घर में एक परी है। इस स्थिति में ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाना एक नई सामान्य सी बात होगी।