प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित की अटल टनल रोहतांग, लाहौल घाटी में होगा विकास के नए युग का सूत्रपात

Spread with love

शिमला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और हर मौसम में बहाल रहने वाली अटल टनल रोहतांग का विविधत् उद्घाटन कर देश को समर्पित किया। इस सुरंग के निर्माण से मनाली से लेह के बीच की दूरी 46 किलीमीटर कम होगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घण्टे कम होगा।

इस अवसर पर अटल टनल के दक्षिणी छोर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस सुरंग के निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन के कठिन परिश्रम की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस सुरंग से लाहौल-स्पिति तथा लेह और लद्दाख में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में टनल के दक्षिणी छोर तक पहुॅचने के मार्ग की आधारशिला रखी थी।

मोदी ने अटल टनल रोहतांग के निर्माण को प्रदर्शित करने वाली चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मनाली की ओर दक्षिणी छोर पर पर्यटन अधोसंरचना से सम्बन्धित लगाई गई प्रदर्शनी का भी दौरा किया। इस मौके पर उन्हें उत्तरी छोर में अत्याधिक ऊँचाई पर पर्यटन अधोसंरचना भी जानकारी दी गई।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लाहौल घाटी के दक्षिणी छोर से मनाली के लिए बस सेवा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर अटल टनल रोहतांग पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि यह सुरंग सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है और इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर सम्पर्क भी सुनिश्चित होगा।

यह सुरंग वर्ष भर लद्दाख के लिए सम्पर्क बनाए रखने के साथ-साथ सशस्त्र सेनाओं को सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ जोड़े रखने में सामरिक लाभ प्रदान करेगी।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल के लोकार्पण से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार हुआ है।

इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है जिन्होंने हमेशा हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगों के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया है और इस सुरंग को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान की।

उन्होंने कहा कि यद्यपि एक छोटा पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने देश के कई बड़े राज्यों का मार्गदर्शन किया है। देवभूमि होने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कारगिल युद्ध के लिए मिले कुल चार परमवीर चक्र में से दो हिमाचल के बहादुर सैनिकों को प्रदान किए गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतांग में अटल टनल के आरम्भ होने से लाहौल घाटी में पर्यटन, कृषि और बागवानी गतिविधियों को एक नई दिशा मिलेगी क्योंकि अभी तक यहां पर्यटन का मौसम कुछ महीनों तक ही चलता था।

सुरंग खुलने से मनमोहक लाहौल घाटी पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनेगी क्योंकि इससे मनाली तक पहुंचने में सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने इस बड़ी परियोजना को शीघ्र पूरा करने में गहरी रुचि दिखाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया जो न केवल देश की सरहदों की सुरक्षा की दृष्टि से अहम है बल्कि लाहौल स्पिति घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत सुधार लाने में भी वरदान साबित होगी।

उन्होंने कहा कि इस सुविधा के मिलने से घाटी के किसान अब अपने उत्पाद आसानी से मंडियों तक पहुंचा सकेंगे।

जय राम ठाकुर ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की चुनौतियों जिसमें 587 मीटर का सेरी नाला हिस्सा भी शामिल है और प्रतिकूल मौसम के बावजूद इस सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन का धन्यवाद किया।

सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लै. जनरल हरपाल सिंह ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय रक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि अटल टनल इस ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लम्बी उच्च मार्ग सुरंग होने के साथ-साथ अन्य कई मायनों में भी अद्वितीय है।

उन्होंने कहा कि सुरंग के प्रत्येक 150 मीटर की दूरी पर आपातकालीन सम्पर्क के लिए दूरभाष की सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर में अग्निशमन यंत्र, प्रत्येक 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरों के साथ दुर्घटना की पूर्व सूचना प्रणाली (आॅटो इंसिडेंट डिटैक्शन सिस्टम), हर एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी, प्रत्येक 25 मीटर पर प्रकाश एवं निकासी संकेत तथा प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर कैमरे और पूरी सुरंग में प्रसार प्रणाली की सुविधा उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: