शिमला। राज्य आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारी
समिति ने राज्य में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों केे क्वारन्टीन सम्बंधित नियमों में कुछ संशोधन किये हैं।
प्रदेश के सभी विभागों व संगठनों, ज़िलाधीशों, पुलिस अधिकारियों, राज्य के कर्मियों और स्थानीय अधिकारियों को राष्ट्रीय आपदा प्रंबंधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व विभाग व आपदा प्रंबंधन के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि संशोधित नियमों के अनुसार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत अन्तर्राजीय आवागमन के लिए औद्योगिक कर्मचारी, उद्योगपति, फैक्टरी मालिक, व्यापारी, कच्ची सामग्री, सेवा प्रदाता और निरीक्षण अधिकारियों को होम क्वारन्टीन से छूट दी गई है।
वैध सहायक दस्तावेज़ व परमिट/ई-पास के साथ प्रदेश में प्रवेश करने वाले तथा देश में अधिक कोविड-19 मामलों वाले स्थानों व कन्टेनमेंट ज़ोन से नहीं आने वाले व्यक्ति जो व्यापार, व्यवसाय, रोजगार, परियोजना, सेवा के उद्देश्य, कमिशन एजेंटों व आढ़तियों को भी क्वारन्टीन से छूट दी गई है।
उन्होंने कहा कि किसी गैर सरकारी संगठन या धार्मिक संस्था का प्रबन्धन, प्रभारी या मुखिया, जिसकी राज्य में शाखाएं हैं और अपने कार्य के सम्बन्ध में या आधिकारिक बैठक में भाग लेने के लिए 48 घण्टे से कम समय अवधि के लिए प्रदेश में आता है, आम लोगों के सम्पर्क में नहीं आता, समुचित शारीरिक दूरी कायम रखता है और कोविड-19 से बचाव सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पालन करता है तथा किसी भी तरह की सामाजिक/सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन नहीं करता, को प्रदेश में क्वारन्टीन से छूट दी जाएगी।
छूट में शामिल उपरोक्त सभी वर्गों के साथ अन्य सभी मामलों में मूल आदेशों में निर्दिष्ट नोरदेशोम के अलावा आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना आवश्यक होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 से अधिक संक्रमित शहरों से आने वाले व्यक्तियों को संस्थागत क्वारन्टीन किया जाएगा। केवल असाधारण मामलों जैसे विपत्तिजनक स्थिति, गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गम्भीर बीमारी से पीड़ित, 65 वर्ष से अधिक आयु का गम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, 10 वर्ष की आयु से कम बच्चे वाले माता पिता को संस्थागत क्वारन्टीन के स्थान पर 14 दिन के होम क्वारन्टीन की स्वीकृति दी जाएगी। इसके लिए होम क्वारन्टीन के लिए उपलब्ध प्रबन्धों से जिला दण्डाधिकारी संतुष्ट होने चाहिए।
प्रदेश में आने वाले प्रवासी मजदूरों को सीधा बागवानी, कृषि, ठेकेदार और परियोनाओं के कार्यस्थलों पर भेजा जा सकता है।
इन स्थानों पर क्वारन्टीन के दिशा-निर्देश जैसे शारीरिक दूरी और लक्षणों की निरंतर निगरानी का पालन करते हुए मजदूर तुरन्त कार्य आरम्भ कर सकते हैं। हालांकि इन मजदूरों की सक्रिय निगरानी की अवधि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जारी रहेगी।