शिमला। हिमाचल ने अपने बॉर्डर पांच महीने बाद खोल दिये हैं। अब प्रदेश में बिना पंजीकरण के आवाजाही की जा सकेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज हुई मन्त्रिमण्डल की बैठक यह निर्णय लिया गया।
पहले प्रदेश में प्रवेश के लिए पंजीकरण आवश्यक किया गया था पर अब बॉर्डर को पूरी तरह खोल दिया गया है। गौरतलब है कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रदेश में सशर्त आवाजाही की अनुमति दी गई थी।
प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण जरूरी था ताकि जरूरत पड़ने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग हो सके। अब प्रदेश को पूरी तरह अनलॉक कर दिया गया है। देश में बहुत से राज्यों ने अपनी सीमाएं पहले ही खोल दी थी।
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश सरकार पर भी बॉर्डर खोलने जा दबाव था जिसकी वजह से आज यह निर्णय लिया गया। वहीं अभी अंतरराज्यीय स्तर पर बसों को चलाने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया गया है।
प्राप्त सूचना के अनुसार लंबे समय बाद अपने घर लौट रहे हिमाचल के लोगों को क्वांरटाइन नियमों का पालन करना होगा।
इसके अलावा प्रदेश के सौ बिस्तर वाले अस्पताल में नर्सिंग कालेज खोलने का सरकार ने निर्णय लिया है। सौ बेड से कम वाले अस्पताल में फिलहाल नर्सिग कालेज नहीं खोले जाएंगे।
बैठक में नेरवा को नगर पंचायत बनाने का निर्णय लिया गया है। वहीं लंबलू व परवाणू को उप तहसील बनाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया है। पर्यटन उद्योग को लेकर मन्त्रिमण्डल ने कई रियायतें देने का निर्णय लिया है।
साथ ही बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों के लाभार्थियों को मिलने वाले उपदान में 20 हजार की बढ़ौतरी करके इसे 1.65 लाख से बढ़ाकर 1.85 लाख कर दिया गया है।
इसके अलावा संस्थागत क्वांरटाइन व बोर्डर पर होने वाले क्वारंटाइन को कम कर दिया गया है। साथ ही कोविड मरीजों को दस दिनों के इलाज के बाद बिना टेस्ट करवाए घर भेजा जा सकेगा। साथ ही जिन मरीजों में लक्षण नहीं होंगे, उन्हें गृह अवरोध में रखा जाएगा।