शिमला। विधानसभा मानसूत्र सत्र के दूसरे रोज विधानसभा में गरजे सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार को जमकर घेरा। राणा ने कहा कि चुनावों से पहले डबल इंजन की बात करने वाले बताएं कि क्या अब दिल्ली का इंजन फ्रीज हो गया है या प्रदेश का इंजन पूरी तरह सीज हो गया है, जो विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हैं।
सड़कों का हाल-बेहाल है। अब यह पता करना मुश्किल है कि सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है। राणा ने कहा कि क्या सरकार का फाइनेंशियल दिवाला निकल चुका है, जो सरकार को रिजर्व बैंक का 1 लाख 76 हजार करोड़ का रिजर्व फंड भी उठाना पड़ा है।
राणा ने कहा कि देश के संस्थान एक-एक करके सरकार बेच रही है। प्रदेश में बेरोजगारों की फौज खड़ी है लेकिन सरकार बाहरी राज्य के लोगों को नौकरियां दे रही है।
हमीरपुर के एनआईटी में एक ही बिरादरी के 100 लोगों को नौकरियां दी गईं, जिसका मुद्दा उन्होंने लगातार उठाया, जिस पर अब जांच शुरू करवाई है। क्लास-थ्री व क्लास-फोर में प्रदेश के लोगों को नौकरी देने की नोटिफिकेशन के बावजूद सरकार बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है और उस पर तर्क यह दिया जा रहा है कि इन लोगों ने 2018 में अप्लाई किया था।
अगर ऐसा है तो 2018 में जब जूनियर ऑफिसर असिस्टेंट की भर्तियों में युवकों ने आवेदन किया था, तब भी ऐसी कोई शर्त नहीं थी, तो फिर उन्हें नौकरी क्यों नहीं दी गई। ऊना में हिमुडा द्वारा कौढिय़ों की जमीन करोड़ों की खरीद में 100 फीसदी घोटाला हुआ है।
विधानसभा में छाई पिन ड्रॉप साइलेंस के बीच गरजते हुए राणा ने कहा कि इस सरकार में एमएलए संस्थान को लगातार कमजोर करने की कोशिशें हुई हैं जो कि वीरभद्र सिंह की सरकार से निरंतर मजबूत होता आया था।
कोविड-19 के प्रबंधन के फेलियर के कारणों को गिनाते हुए राणा ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने कोविड-19 संकट के दौरान लोगों की बहुत मदद की है।