शिमला। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते मौजूद वित्तीय संकट को देखते हुए नई योजनाओं की शुरूआत पर रोक लगाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में गंभीर वित्तीय संकट है और हालात सरकार के नियंत्रण में नहीं है।
उन्होंने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय का यह बयान कि 2021 तक कोई नई योजना शुरू नहीं होगी, लेकिन आत्मनिर्भर योजना पर ज़ोर दिया जाएगा, सरासर हास्यास्पद है।
ऐसे समय में जब लोगों के पास पैसा नहीं है और सीधे किसी की आर्थिक मदद सरकार ने नहीं की है तथा सारी नयी योजनाओं पर सरकार रोक लगा रही हो, तो यह तय है बेरोज़गारी अपने चर्म को छुएगी। इस प्रकार के निर्णयों से सरकार की वित्तीय प्रबंधन असमर्थतता का पता चलता है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा किसी भी नई योजना को स्वीकृति नहीं दी जाएगी। वहीं पहले से ही स्वीकृत या अनुमोदित नई योजनाओं की शुरूआत 31, 2021 तक या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, एक वर्ष तक निलंबित रहेगी।
उनका कहना था कि जब आधारभूत ढांचे के निर्माण और विस्तार पर काम नहीं होगा तो गरीब मज़दूर क्या करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने घोषित 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज, अभी तक भी आम आदमी की समझ से परे है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि 12 मई को राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपये के समग्र आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। यह जीडीपी का 10 प्रतिशत है।
उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोरोना वायरस का संकट भारत को आत्मनिर्भर बनाने का एक अवसर भी प्रदान करता है, लेकिन बग़ैर वित्तीय सहायता के कैसे कोई अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा, यह सभी की समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते करोड़ों लोगों ने अपना रोज़गार खोया है।
आज ये लोग वर्तमान परिस्थितियों में आर्थिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ़ से जो कदम उठाए जाने चाहिए थे, उनमें ग़लत नीतियों की वजह से लगातार विफलता मिली है और इसका ख़ामियाज़ा आज जनता को भुगतना पड़ रहा है।