झांसेबाजी में आकर अगर जनता ने जनादेश दे ही दिया है तो जनता को इतनी बड़ी सजा न दे सरकार : राणा

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हमीरपुर। महामारी व महंगाई के साथ बेरोजगारी से जूझ रही प्रदेश की जनता बीजेपी की हुकूमत की मनमानियों से परेशान हो चुकी है। समझ में यह नहीं आता है कि सरकार को विभाग चला रहे हैं या विभागों को सरकार चला रही है?

यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि अब सरकार ने घरेलु, व्यवसायिक व औद्योगिक बिजली के कनेक्शनों को 4 गुना महंगा किया है।

कोविड-19 से लुटी-पिटी जनता रोज आ रहे सरकार के तुगलकी फरमानों से परेशान हो चुकी है। अब सरकार ने बिजली के कुनेक्शनों पर एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट यकायक चार गुना बढ़ाकर जनता को लूटने का नया मसौदा तैयार किया है। अब इस नए जजिया के तहत 3600 रुपए में मिलने वाला बिजली का कुनेक्शन 11 हजार रुपए में मिलेगा।

हालांकि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन सरकार ने अपनी मनमानी के चलते नए कुनेक्शनों पर भारी भरकम जजिया वसूलने का फरमान जारी कर दिया है। अचानक हुई इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा खराब असर प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा क्योंकि घरेलू उपभोक्ताओं को अब नया कुनेक्शन लेने के लिए 360 रुपए प्रति किलोवॉट की जगह पर 1158 रुपए चुकाने होंगे।

इसी तरह औद्योगिक इकाईयों को 1 हजार की जगह 4882 रुपए प्रति किलोवॉट की दर से चुकाने होंगे। इसका असर प्रदेश में चल रही स्ट्रीट लाईटों पर भी पड़ेगा जबकि औद्योगिक इकाईयों को महंगे कुनेक्शन लेने के कारण इसका सीधा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा।

लघु एवं सुक्ष्म उद्योग, स्ट्रीट लाईट, वाटर पंप व अन्य मीटरों की राशि में भी भारी बढ़ोतरी की गई है। राणा ने कहा कि समझ में यह नहीं आ रहा है कि कोरोना के कारण लुटी-पिटी जनता पर बोझ डालने के लिए सरकार रोज नए-नए तरीके किस कारण से अपना रही है?

लगातार बढ़ रहे टैक्सों व शुल्कों के कारण आम आदमी की कमर टूट चुकी है। बेरोजगारी के कारण भुखमरी जैसी स्थिति बनने लगी है, लेकिन प्रचंड बहुमत से जीती जयराम सरकार जनता को राहत देने की बजाय आफत पैदा कर रही है।

खाने-पीने की चीजों के साथ प्याज व सरसों के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। प्रदेश में प्याज 70 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। जबकि बीते 1 हफ्ते में सरसों का तेल 10 से 20 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

प्रदेश के खुदरा व्यापारियों की मानें तो जो सरसों का तेल कांग्रेस राज में 60 से 70 रुपए प्रति लीटर तक बिकता था, उस तेल के दाम 120 से 125 लीटर तक पहुंच गए हैं। अगर ब्रांडेड तेलों की बात करें तो उनका रेट 150 रुपए प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गया है।

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