शिमला। कोरोना संकटकाल में जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी सुदृढ़ करने तथा लाॅकडाउन के तहत रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा के माध्यम से जिला में लोगों को संबल प्रदान करने का अद्वितीय प्रयास किया गया।
इस कठिन समय में विभिन्न राज्यों से अपना रोजगार छोड़कर आए जिला से संबंध रखने वाले लोगों के घर के चूल्हे की लो को जलाए रखा। स्थानीय ग्रामीण लोगों को लाॅकडाउन के अवसाद से बचाए रखने के लिए मनरेगा कार्यो ने अहम भूमिका निभाई।
लोगों को कार्य प्रदान कर पूंजी प्रवाह की निरंतरता को बनाए रखने का प्रयास भी जिला प्रशासन द्वारा किया गया।
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप् ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेशों को अमलीजामा पहनाते हुए ग्रामीण लोगों को मनरेगा के तहत काम उपलब्ध करवाया गया। जो लोग मनरेगा में काम करना चाहते हैं उन्हें तुरंत काम प्रदान किया जाए के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए गए।
इस प्रयास से क्षेत्र के विकास को विस्तार मिला और जिला प्रशासन की मनरेगा लक्ष्य में पिछले वर्ष के मुकाबले में अभूतपूर्व उपलब्धि भी हुई।
वर्ष 2019-20 की प्रथम तिमाही जून में इसमें 4.79 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत खर्च हुए थे वहीं इस वर्ष जून में 15.58 करोड़ रुपये खर्च कर 325 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कार्य दिवस में भी 218 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मस्ट्राॅल जारी करने की प्रक्रिया में इस वर्ष 286 प्रतिशत की अधिकता रही।
पिछले वर्ष की तुलना में मनरेगा के तहत जिला में विकास कार्यों की पूर्ति का आंकड़ा भी 105 प्रतिशत से अधिक का आंका गया है।
उल्लेखनीय तथ्य है की गत वर्ष स्थितियां सामान्य थी। कोविड-19 संकटकाल नहीं था किंतु इस वर्ष प्रतिकूल प्रतिस्थितियों के कारण प्रगति आंकड़े केवल डेढ़ माह में दर्ज किए गए हैं जबकि गत वर्ष के आंकड़े तीन माह के है।
जाहिर है पिछले वर्ष की तुलना में जिला प्रशासन द्वारा इस वर्ष मनरेगा में कम समय में अधिक प्रगति की तथा लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया है।
विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों के कार्य कौशल का ब्यौरा भी जिला प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है ताकि बाहर से आने वाले व्यक्ति को उसके कार्य के अनुरूप कार्य प्रदान किया जा सके।
इस प्रक्रिया के तहत यदि व्यक्ति अपने कार्य को नहीं करने का इच्छुक है तो उसे कौशल विकास के तहत अन्य कार्यों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए भी प्रावधान किया जा रहा है। इस संबंध में व्यक्ति संबंधित खण्ड विकास अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है।
मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रास्ते बनाने, सड़कों का निर्माण, वर्षा जल संरक्षण व संग्रहण के लिए जल भण्डारण टैंकों का निर्माण तथा भूमि विस्तार जैसे कार्यों को ग्रामीण जनता द्वारा किया गया।