शिमला। चांशल क्षेत्र को शीतकालीन खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धाओं के आयोजन के लिए विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के आदेशानुसार गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है।
वन युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने आज चांशल क्षेत्र का दौरा कर स्थिती का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि चांशल क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को विकसित करने की अपार संम्भावनाएं है जिसके तहत पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, सकिंग, कैंपिंग साइट तथा ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि पर्यटन विकास के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे।
उन्होनें कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटकों के आने से जहाँ लोगों को आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा वहीं अतराष्ट्रीय स्तर पर चांशल व इसके आस पास के क्षेत्र विकसित होंगे।
उन्होंने आज छवारा ब्लाॅक के करशाली में नई मंजिल नई राहें योजना के तहत करशाली माता मंदिर के समीप 32 लाख रुपए से मानव निर्मित झील का उद्घाटन भी किया।
उन्होंने कहा कि नैसर्गिक सौन्दर्य से भरपूर खरशाली क्षेत्र में ट्रैकिंग टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत 29 लाख रुपए की राषि खर्च कर सरुलेख चांशल तक ट्रैकिंग मार्ग को विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र की सड़कों को शीघ्र ही दुरुस्त किया जाएगा। ताकि विभिन्न क्षेत्रों से संबधित राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाएं इन क्षेत्रों में आयोजित की जा सकें।
इस दौरान उन्होंने खरशाली में देवदार का पौधा भी रोपित किया। उन्होंने आज रोहडू इनडोर स्टेडियम का दौरा भी किया और स्टेडियम में पायी गई विभिन्न खामियों को जल्द दूर करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने आज रोहडू क्षेत्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक भी ली तथा क्षेत्र के विकासात्मक कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि नालदेरा, कूफरी से चांशल क्षेत्र को शीतकालीन राष्ट्रीय खेलों एवं साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित किया जाएगा। उन्होनें कोरोना संक्रमण काल से बचाव के लिए सभी आवश्यक मानकों को अनिवार्य रुप में दो गज की दूरी, माॅस्क को प्रयोग करना तथा सेनेटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य होगा, जिससे महामारी के बचाव में सभी जनमानस को सहयोग मिलेगा।