हमीरपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जुमले बोलने वाली सरकार की नाक के नीचे भ्रष्टाचार का बेखौफ खेल चल रहा है और यह सचिवालय में हेल्थ डायरेक्टर की गिरफ्तारी से साफ हो चुका है।
यह गंभीर आरोप प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में लगाया है।
राणा ने कहा कि महामारी के दौर में सेनेटाइजर खरीद घोटाले ने यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार में डूबा सिस्टम ही नहीं बल्कि सरकार भी इस मसले पर पूरी तरह से संवेदनहीन है।
कोविड-19 के कहर से सहमी जनता जहां अपने- अपने स्तर पर इस महामारी के बचाव के लिए सरकार को रिलीफ की भारी मदद दे रही है, वहीं सरकार का सिस्टम सरकारी व गैर-सरकारी मदद के दौर में भ्रष्टाचार में लगा हुआ है।
राणा ने कहा कि वह लगातार विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से सरकार को इस आशंका से आगाह करते आ रहे हैं, क्योंकि इससे पहले आयुर्वेदिक दवाई खरीद घोटाला को भी अंजाम दिया जा चुका है, जबकि घटिया पीपीई किटें खरीदने, के आरोप लगातार चस्पां हुए हैं।
राणा ने कहा कि सेनेटाइजर घोटाले को लेकर भी बीच का सिस्टम उन्हें फीडबैक दे रहा था, लेकिन महामारी के दौर में इस अमानवीय कृत्य पर उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था। हालांकि अभी भी सेनेटाइजर घोटाले को दबाने का प्रयास चल रहा है और यह फीडबैक भी बीच के सिस्टम से आ रही है। सेनेटाइजर घोटाले में और कई बड़ी मछलियां संलिप्त हैं, डायरेक्टर तो सिर्फ मोहरा मात्र हैं।
उन्होंने कहा कि अब सरकार जनता को बताए कि इस मामले में और किस-किस की हिस्सेदारी है व किसकी शह पर महामारी के बचाव के नाम पर भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है, इस मामले में और कितने लोग गिरफ्तार हुए हैं या होंगे?