हमीरपुर, 06 मई,2020। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि महामारी से निपटने के बड़े-बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार के वीआईपी आईएएस अब नोडल ऑफिसर बनने से भाग रहे हैं।
जो नोडल ऑफिसर बन चुके हैं उनके फोन किसी राहत के लिए जनता को नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार जनता व कुछ कर्मठ अधिकारियों की फीडबैक पर इस मामले को उठाते रहे हैं कि अफसरशाही सरकार पर पूरी तरह हावी और प्रभावी है लेकिन सरकार न तो इस मामले पर कोई सपष्टीकरण दे पाई है और न ही बेलगाम अफसरशाही पर कोई लगाम लगा पाई है।
राणा ने कहा कि बीते दिन 5 मई मंगलवार आधी रात को उन्हें शिमला से कुछ कर्मठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि सरकार की चेहती अफसरशाही अब महामारी के दौर में नोडल अफसर बनने से लगातार कन्नी काट रही है।
मामला तब हद से बढ़ गया जब बीती रात कोरोना महामारी की चपेट में आए एक अभागे युवक की शिमला में मौत हो गई, लेकिन सरकार की चेहती अफसरशाही ने कोरोना प्रोटोकॉल पर कुंडली मारकर शव के अंतिम संस्कार के लिए खूब ड्रामा किया व अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी से कन्नी काटते हुए कोरोना प्रोटोकॉल को पूरी तरह दरकिनार करते हुए इसकी जिम्मेदारी महातात अधिकारियों पर थोंपने का प्रयास करते रहे।
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अफसरशाही सिर्फ कार्यालय में बैठ कर ऊपर का ऑर्डर नीचे पास कर रही है, बाकि सब ईश्वर के सहारे चल रहा है। अफसरशाही को न सरकार का लिहाज है और न खौफ।