कोरोना के खत्म होने पर तिरुमाला तिरुपति जाएगी हिमाचल पुलिस की टीम, भक्तों की सुरक्षा के लिए अपनाई जा रही सुरक्षा तकनीक का लेगी प्रशिक्षण

Spread with love

शिमला। देवभूमि हिमाचल में चार शक्तिपीठ चिंतपूर्णी, ब्रजेश्वरी माता, चामुंडा देवी और नैना देवी तथा एक महा शक्तिपीठ ज्वाला-जी स्थित हैं। इन शक्तिपीठों में प्रत्येक वर्ष विशेष रूप से नवरात्रों के दौरान देश भर से भारी संख्या में श्रद्वालु आते हैं।

इन शक्तिपीठों के अतिरिक्त राज्य में कई अन्य बड़े और छोटे मंदिर भी स्थित हैं जिनमें प्राचीनकाल की कुछ प्रतिमाएं हैं। हिमाचल पुलिस इन शक्तिपीठों/ मन्दिरों का सुरक्षा के साथ-साथ इनमें दर्शनों के लिए आने वाले श्रदालुओं की सुरक्षा की भी व्यवस्था करती है।

प्रदेश में महामहिम दलाई लामा और कई अन्य मठ भी स्थित है जिनमें महामहिम दलाई लामा के मुख्य मंदिर की गोम्पा, रिवाल्सर में बुद्ध मंदिर और खरदग मठ शामिल हैं।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थान दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है जहां प्रतिदिन भारी संख्या में तीर्थयात्री दर्शनों हेतू आते हैं। ब्रम्होत्सव जैसे विशेष अवसरों पर यहां बहुत बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थान में भक्तों के सुचारू आवगमन एवं उनकी सुरक्षा के लिए आधुनिक उपरकरण लगाए गए है जिसमें वायोमैट्रिक स्कैनर, आनलाईन पंजीकरण तथा सीसीटीवी कैमरे शामिल है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रदेश के तीर्थ स्थलों, शीक्तिपीठों/ मन्दिरों की सुरक्षा एवं यहां आने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा तिरुमाला तिरुपति देवस्थान मन्दिर व वहां आने जाने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए अपनाई जा रही सुरक्षा तकनीक को अपनाने का आशय रखती है।

इस दिशा में पुलिस महानिदेशक ने यह निर्णय लिया है कि कोविड-19 महामारी के खत्म होने के बाद एक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश पुलिस के पांच अधिकारियों की एक टीम आंन्ध्र प्रदेश भेजेगी।

इस सम्बन्ध में संजय कुंडू ने पुलिस महानिदेशक आन्ध्र प्रदेश व तिरुमाला तिरुपति देवस्थान, आंध्र प्रदेश के कार्यकारी अधिकारी को अर्धशासकीय पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रदेश पुलिस की टीम के लिए एक सप्ताह के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें ओर मन्दिर व भक्तों की सुरक्षा के लिए अपनाई जा रही तकनीक, सिस्ट्म व प्रौद्योगिकियों को उनके साथ साझा करें, ताकि उनके द्वारा अपनाई जाने वाली तकनीकों का उपयोग प्रदेश में स्थित शक्तिपीठों/ मन्दिरों एवं उसमें आने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error:
%d bloggers like this: