शिमला। शिमला नागरिक सभा ने कोरोना काल के कूड़े, पानी के बिलों, प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने, येलो लाइन के छः सौ रुपये व अन्य पार्किंग शुल्क को एक हज़ार रुपये से घटाने व दुकानदारों से वसूले जाने वाले प्रोपर्टी टैक्स के मुद्दे पर नगर निगम शिमला के बाहर तीन घण्टे तक जबरदस्त प्रदर्शन किया।
इसके बाद नागरिक सभा का प्रतिनिधिमण्डल नगर निगम शिमला के आयुक्त से मिला व उन्हें तेरह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। आयुक्त ने कोरोना काल के कूड़े, पानी के बिलों, प्रॉपर्टी टैक्स व दुकानदारों के प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने येलो लाइन व अन्य पार्किंग शुल्क को घटाने का भी आश्वासन दिया।
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में मार्च से सितम्बर के छः महीनों में कोरोना महामारी के कारण शिमला शहर के सत्तर प्रतिशत लोगों का रोज़गार पूर्णतः अथवा आंशिक रूप से चला गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार व नगर निगम शिमला ने कोरोना काल में आर्थिक तौर पर बुरी तरह से प्रभावित हुई जनता को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी है। शिमला शहर में होटल व रेस्तरां उद्योग पूरी तरह ठप्प हो गया है।
इसके कारण इस उद्योग में सीधे रूप से कार्यरत लगभग पांच हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी है। पर्यटन का कार्य बिल्कुल खत्म हो गया है। इसके चलते शिमला शहर में हज़ारों टैक्सी चालकों, कुलियों, गाइडों, टूअर एंड ट्रैवल संचालकों आदि का रोज़गार खत्म हो गया है।
इस से शिमला में कारोबार व व्यापार भी पूरी तरह खत्म हो गया है क्योंकि शिमला का लगभग चालीस प्रतिशत व्यापार पर्यटन से जुड़ा हुआ है व पर्यटन उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गया है। हज़ारों रेहड़ी फड़ी तहबाजारी व छोटे कारोबारी तबाह हो गए हैं। दुकानों में कार्यरत सैंकड़ों सेल्जमैन की नौकरी चली गयी है।