किसानों द्वारा फसल कटाई व गहाई के दौरान सामाजिक दूरी व मास्क पहनने का रखा जा रहा ध्यान

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कांगड़ा, 05 मई, 2020। जिला कांगड़ा में फसल पककर तैयार हो चुकी है ऐसे में जिला प्रशासन ने सभी विकास खंडों में फसल कटाई व गहाई के लिए तिथियां निर्धारित कर दी हैं।

विकास खंड इन्दौरा, नूरपुर, फतेहपुर व नगरोटा सूरियां में गन्दम व अन्य फसल कटाई सम्बन्धी कार्य 15 अप्रैल 2020 से प्रारम्भ हो गया था जबकि जिला काँगड़ा की मध्य बेल्ट के 4 विकास खण्डों प्रागपुर, रैत, देहरा व काँगड़ा में फसल कटाई का कार्य 20 अप्रैल से तथा जिला के 7 अन्य विकास खण्डों नगरोटा बगवां, धर्मशाला, भवारना, पंचरुखी, लंबागांव, भेड़ू महादेव(सुलह) व बैजनाथ में कृषि कटाई कार्य 25 अप्रैल से शुरू हो गया है जो मुख्यतौर पर किसानों द्वारा स्वयं तथा गहाई कार्य ट्रेक्टर माउंटेड थ्रेशर के माध्यम से ऑपरेटर द्वारा किया जा रहा है।

कांगड़ा जिला में फसलों की कटाई के दिन-रात 24 घंटें की छूट

कांगड़ा जिला में फसलों की कटाई के दिन-रात 24 घंटें की छूट दी गई है। सभी विकास खंडों में फसल कटाई के दौरान सामाजिक दूरी तथा मास्क का प्रयोग, हैंडबॉश इत्यादि का विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए गए हैं।

फसल कटाई तथा गहाई का कार्य की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी स्तर पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल की अवहेलना न हो सके।
कोविड-19 के अंतर्गत लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में सीमित होकर रह गये थे।

एक तरफ जहां किसानों की फसल तैयार हो चुकी थी दूसरी तरफ बाहर न निकलने की वजह से उन्हें अपनी फसल की कटाई की चिंता सता रही थी। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को फसलों की कटाई के लिए दिन-रात 24 घंटें की छूट देने से किसानों के चेहरे में दिखती निराशा छंट गई है।

किसान प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त कर रहे हैं कि उनकी बदौलत वे अपनी फसलों को काटने व गहाई में कामयाब हुए हैं।

प्रदेश में अधिकतर लोग गेहूँ की कटाई का कार्य स्वयं ही करते हैं। अधिकतर लोगों का अपनी खेतीबाड़ी में व्यस्त रहने के कारण शायद बाजारों में लोगों की भीड़ भी कम होगी और जो कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने में भी कारगर साबित होगी।

गाँव में पिछले कुछ दिनों से सभी काम धन्धे बन्द थे, वहीं पर हर दिन कमा कर खाने वाले गरीब लोग भी इस समय कुछ काम-धंधा नहीं कर पा रहे थे और सरकार द्वारा दी जा रही राहत सामग्री पर ही अपनी गुजर-बसर कर रहे थे।

अब राज्य सरकार द्वारा अब यह लोग अपने गाँव में ही दिहाड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे वहीं पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार यह कुछ समय के लिए कहीं और भी नहीं जाएंगे। इस समय थ्रेशिंग का काम भी हो रहा है और इससे जुड़े ट्रैक्टर, मशीनों इत्यादि के रखरखाव का काम भी होगा और जो लोग इस पेशे से जुड़े हैं उन लोगों की आर्थिकी जो लगभग पिछले कुछ समय से रुक सी गई थी वह भी बेहतर होगी।

क्या कहते हैं किसान

डोहब गांव के किसान अश्वनी कुमार, राकेश कुमार, टेक चंद, अंजना देवी व सरोज कुमारी का कहना है कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन ने गंदम की कटाई के लिए जो 24 घंटे कार्य करने का समय दिया है उसके लिए हम प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के आभारी हैं जिनकी बदौलत हम इस आपदा की घड़ी में अपनी फसल की कटाई व गहाई का कार्य आराम से कर पा रहे हैं।

क्या कहते हैं उपायुक्त

उपायुक्त राकेश प्रजापति का कहना है कि कांगड़ा जिला में फसलों की कटाई की समय सीमा में किसानों को छूट प्रदान की गई है तथा किसान सुबह से लेकर रात तक 24 घंटें फसलों की कटाई कर सकते हैं।

उपायुक्त ने कहा कि सभी विकास खंडों में फसल कटाई के दौरान सामाजिक दूरी तथा मास्क का प्रयोग, हैंडबॉश इत्यादि का विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए गए हैं।

उन्होंनेे कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये जरूरी है कि प्रशासन और विशेषज्ञों की सलाह का पालन करें। उन्होंने कहा कि बार-बार हाथ धोने, अपने चेहरे को न छूने और सैनिटाईजर के प्रयोग जैसी आम सावधानियों को बरतते हुए, इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

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