ईद पर ना मिलें गले, लेकिन दूर करें शिकवे गिले, बदल कर अपना व्यवहार, करें कोरोना पर वार: कुरैशी

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शिमला। हॉकर्स सोसायटी शिमला के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा कल्याण समिति जिला शिमला के उपाध्यक्ष मुहम्मद शाहनवाज़ कुरैशी ने शांति और सौहार्द के त्योहार ईद उल अज़हा की बधाई देते हुए कहा कि पूरी दुनिया इस बार ऐसी ईद मनाएगी जिसमें लोग न तो मस्जिदों में नमाज़ पढ़ेंगे, न किसी के घर जाएंगेे, न हाथ मिलाएंगे, न लोग एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देंगे।

एक दूसरे के घर जाकर सेवईं भी नहीं खाएंगे। न कोई पुरुष नए कपड़ों में इत्र लगाए ईदगाह और मस्जिद की ओर जाता दिखेगा।

उन्होंने कहा कि हज़ार प्रयासों के बावजूद भी कोरोना वायरस की लाइलाज बीमारी हमारे देश में बढ़ती ही जा रही है। मुसलमानों ने विशेषकर रमज़ान के पवित्र महीने में फर्ज़ नमाज़ों, जुमा और तरावीह की विशेष नमाज़ों की अदायगी मेंं स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का जिस प्रकार पालन किया था वह बेमिसाल है।

मुहम्मद शाहनवाज़ कुरैशी ने कहा कि इस ईद उल अज़हा पर भी सोशल डिस्टेंसिंग और कुर्बानी से संबंधित सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसका पालन करते हुए ईद उल अज़हा मनाएं।

मुस्लिम नेता तथा संस्थाएं इस संबंध में लोगों को जागरूक करें।

अपने हाथ साबुन और पानी से नियमित तौर पर अच्छी तरह से धोएं व दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए ईद उल अज़हा की नमाज़ भी अपने घरों पर ही अदा करें।

हिन्दुस्तान में ईद उल अज़हा 1 अगस्त को मनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद का फतवा भी जारी हो चुका है कि ईद उल अज़हा की नमाज़ भी जुमा व ईद उल फितर की नमाज़ की तरह अदा की जा सकती है।

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