शिमला। आज आरोग्य भारती शिमला शाखा द्वारा औषधीय वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन पोर्टमोर स्कूल शिमला में एनएसएस की छात्रायों के सहयोग विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया।
इसमें औषधीय गुणों से युक्त 100 से अधिक पौधों एवं वृक्षों का रोपण किया गया तथा उनके गुणों तथा संरक्षण के बारे में उपस्थित छात्रायों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर करवीर,सॅमकस, जूही, रात की रानी,देवदारु, चित्रा सहित अन्य प्रजाति के 100 से अधिक औषधीय पौधों का रोपण किया गया।
सोशल दूरी का ध्यान रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ राकेश पंडित ने वनस्पतियों में उपस्थित औषधीय गुणों बारे बताया कि कोरोना उपचार पर हो रही शोध में विश्व भर में 125 औषधीय पौधों पर काम हो रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार अमेरिका में 65% लोग कोरोना के बचाव तथा ईम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक वनस्पतियों का प्रयोग कर रहे हैं।
आयुष काढ़ा तथा भोजन पकाने में प्रयुक्त होने वाली सामान्य हर्बस पुदीना,अदरक, लहसुन, दालचीनी, चौलाई, बथुआ,पोई ,काली मिर्च,पिपप्ली, ईम्युनिटी बढ़ाने में कारगर सिद्ध हो रही हैं।
डॉ राकेश पंडित ने वृक्षों के महत्व के बारे में बताया कि एक वृक्ष एक ओर जीवन भर आक्सीजन देता है वहीं हवा में उपस्थित पोल्यूशन को सोखते हैं तथा साथ साथ औषधीय तत्वों के कारण आरोग्य प्राप्ति एवं अनेक रोगों के उपचार में भी सहायक होते हैं।
पोर्टमोर स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र सूद ने वृक्षारोपण के महत्व पर बल देते हुए एनएसएस वोलंटियर छात्रायों, शिमला वन मंडल के प्रतिनिधि दीपक शर्मा तथा आरोग्य भारती शिमला के स्वयंसेवकों का स्वागत एवं धन्यवाद किया।