देहरा। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने आज रविवार को जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के डाडासीबा में 60 लाख की लागत से बने वन विभाग के विश्राम गृह व 15 लाख की लागत से बने समुदायिक भवन का उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया।
उन्होंने कहा कि जसवां परागपुर विधानसभा में आज विकास के उन कार्यों को धरातल पर उतारा जा रही है जिनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र की हर मांग को प्राथमिकता से पूरा किया है जिसके कारण केवल चार वर्षों में जसवा परागपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे विकासात्मक कार्यें को किया गया, जिनके प्रतीक्षा क्षेत्र की जनता 70 वर्षों से कर रही थी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के पूरे जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के संतुलित विकास को हमेशा अपना ध्येय बनाया जिसके तहत आज पूरे जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र में संसारपुर टेरेस से डाडासीबा, परागपुर, रक्कड़, शांतला और अलोह तक सड़कों का निर्माण किया गया।
उन्होंने कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में आज कोई स्थान ऐसा नहीं है जहां इन चार वर्षों में उन्होंने सड़कों का निर्माण और सुधारिकरण नहीं किया। इसके अतिरिक्त जनसेवा और क्षेत्र के उत्थान के लिए जसवां परागपुर के हर क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों और भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज जिस वन विभाग के विश्राम गृह का उद्घाटन किया गया, उसकी स्थिति भी पहले बहुत दयनीय थी जिसे उन्होंने बहुत कम समय में पूर्ण रूप से पुनः बनाकर तैयार करवाया। उन्होंने बताया कि 60 लाख की लागत से बना यह सुन्दर विश्राम गृह क्षेत्र की शोभा को भी बढ़ाता है।
उन्होंने बताया कि आज क्षेत्र में यदि केवल वन विभाग के कार्यों की ही बात की जाए तो करोड़ों की लागत से पूरे जसवां परागपुर में विकासात्मक कार्य विभाग द्वारा किए जा रहे हैं।
इनमें 60 लाख से बने इस विश्राम गृह के अतिरिक्त, 41 लाख की लागत से विश्राम गृह सदवां, 55 लाख की लागत से निरीक्षण कुटीर सरड़ डोगरी, 43 लाख की लागत से निरीक्षण कुटीर गुरालधार, 30 लाख की लागत से बणि तालाब का जीर्णोद्धार, 40 लाख की लागत से नेचर पार्क सदवां, 10 लाख अमरोह में वाटिका, 12 लाख की लागत से गार्ड कुटीर डडोआ एवं 12 लाख की लागत से गार्ड कुटीर चलान के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल ने वन संरक्षण व संवर्धन के लिए अनेक प्रयास किए हैं। जन अभियानों के माध्यम से जोड़ते हुए बेटियों व पौधरोपण को जोड़ना, वन और विद्यार्थियों को जोड़ विद्यार्थियों को वनों के महत्त्व का पाठ पढ़ाना हो या सामुदायिक स्तर पर वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए योजना को आरम्भ करना।
इन सभी राजकीय प्रयासों का मूल उद्देश्य वन सम्पदा को बढ़ाकर प्रदेश को हरा-भरा बनाना है। प्रदेश में कैम्पिंग साइट्स, ट्रैकिंग रूट, वन विश्राम गृह आदि को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के बाद उद्योग मंत्री ने जनसमस्याओं को सुनते हुए अधिकतम का मौके पर निपटारा किया तथा शेष के समयबद्ध निवारण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।