शिमला। 16 जून 2020 को गलवान में भारतीय चीनी सैनिकों के बीच हुई मुठभेड़ में देश के 20 सैनिकों ने शहादत प्राप्त की, जिसमें हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के भोरंज तहसील के अंकुश ठाकुर भी शामिल थे।
आज 24 फरवरी 2022 को शहीद के गांव में वीर शहीद सिपाही अंकुश की वीरता और साहस तथा देश के लिये उनके समर्पण को याद करने के लिये भारतीय सेना के उनके साथी तथा इलाके के अन्य गणमान्य व्यक्ति शहीद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोनह में इकठ्ठा हूये।
सेना की तरफ से शहीद परिवार को सेना मैडल के लिए आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण दिया गया।
सिपाही अंकुश पूर्वी लद्दाख में एक ऑपरेशनल दल के स्काउट के रूप में तैनात थे जिसे एक निगरानी चौकी स्थापित करने का काम सौंपा गया था। दुश्मन सैनिकों ने पोस्ट की स्थापना के खिलाफ विरोध कर हमारे सैनिकों पर हमला बोल दिया।
स्थिति जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गई। इसके बाद हुई झड़प में सिपाही अंकुश ने बेजोड़ वीरता, असाधारण युद्ध कौशल और दुश्मन का डटकर मुकाबला करने में अदम्य साहस का परिचय दिया।
गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह ना करते हुए, पीछे हटने से इनकार कर दिया और सर्वोच्च बलिदान देने तक दुश्मन से लड़ना जारी रखा।
सिपाही अंकुश द्वारा प्रदर्शित की गई अदम्य वीरता और कर्तव्य परायणता दुश्मन के हमारी सेना को पीछे धकेलने के प्रयास को विफल करने में महत्वपूर्ण थी।
दुश्मन के समक्ष अद्वितीय वीरता प्रदर्शित करने के लिए और कर्तव्य की राह में सर्वोच्च बलिदान के लिए सिपाही अंकुश को 4 मार्च 2022 को मामुन मिलिट्री स्टेशन में आयोजित पश्चिमी कमान अलंकारण समारोह मे GOC – in – C पश्चिमी कमान द्वारा ” सेना मेडल ( वीरता ) ” से सम्मानित किया जायेगा जो कि हमारे पुरे प्रदेश के लिये गर्व का समाचार है।
सेना के उनके साथियों ने सिपाही अंकुश की शहादत को नमन किया और उनके परिवार को इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का औपचारिक न्यौता दिया।
इसके साथ ही वहां मौजूद अन्य सभी गणमान्य व्यक्तियों ने भी वीर शहीद सिपाही अंकुश को याद किया और उनकी शहादत को पूरे इलाके के लिये गर्व और सम्मान का विषय बताया।
इस मौके पर शहीद परिवार, बीडीओ भोरंज, एसएचओ भोरंज, कैप्टन राम नाथ शर्मा, नायाब सूबेदार परविंदर सिंह भी अन्य लोगों के साथ मौजूद रहे।