बजट सत्र के पहले दिन सदन में हंगामा, विधायक क्षेत्र निधि रोके जाने पर विपक्ष का वाकआउट

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शिमला। हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। जैसे की उम्मीद की जा रही थी सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा।

सत्र की शुरुआत में सीएम ने मंत्री परिषद का परिचय करवाया। उसके बाद पूर्व सदस्य स्व मनसा राम के निधन पर शोकोदगार प्रस्तुत किया गया।

उसके तुरंत बाद भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने विधायक क्षेत्र निधि को रोके जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के नौ विधायकों ने काम रोको प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों के काम रुक गए हैं।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि जय राम ठाकुर वित्त मंत्री रहे, 5 बार बजट पेश किया।

जय राम ठाकुर बार बार कहते हैं कि बजट में प्रावधान किया गया है तो ये नौबत क्यों आई। पूर्व सरकार ने आखिरी छह महीनों में 920 संस्थान खोले। पंचायत घर में कॉलेज खोल दिया। जहां छात्र नहीं वहां स्कूल खोल दिए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल की आर्थिक बदहाली के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार जय राम सरकार है। पूर्व सरकार ने बिना बजट के आखिरी समय में संस्थान खोल दिए।

सीएम ने कहा कि प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का कर्ज, 11 हजार करोड़ कर्मचारियों की देनदारियां हैं। जो संस्थान खोले थे उनको चलाने के लिए 5 हजार करोड़ की जरूरत थी। ऐसी कठिन वितीय परिस्थितियों में विधायक निधि रोकनी पड़ी।

उन्होंने बार बार कहा कि विधायक निधि रोकी गयी है ना कि बंद की गई है। जैसे ही स्थिति ठीक होगी इसको जारी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। अच्छे शासन के लिए अच्छा प्रशासन जरूरी है। कोई विपदा आए तो नियम 67 के तहत नोटिस दिया जाता है, विधायक निधि का मामला नियम 67 के तहत सही नहीं है।

विपक्ष की चर्चा की मांग पर सदन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह पहली बार है कि नियम 67 अपने लिए लाया जा रहा है, जनता के लिए नहीं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग विपक्ष में चले गए हैं उनको इस बात की पीड़ा है।

विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल से पहले विपक्ष ने नियम 67 के अंतर्गत काम रोको प्रस्ताव की मांग की जिसके अंदर भाजपा ने क्षेत्र विकास विधायक निधि की आखिरी किस्त जारी करने को लेकर चर्चा मांगी, इसके बाद सदन में गहमागहमी के बीच बहस चलती रही, मगर बेनतीजा बहस के बीच विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस दौरान कहा कि विपक्ष ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की और क्षेत्र विकास विधायक निधि को बहाल करने पर चर्चा करने की मांग की थी लेकिन सरकार की ओर से गोल मोल जवाब देने की कोशिश की गई जिसको लेकर विपक्ष ने वॉक आउट करने का फैसला किया।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार ने जिस क्षेत्र विकास विधायक निधि को कोविड-19 के समय में कम किया था उसे उनकी सरकार ने फिर बढ़ाकर 2 करोड रुपए कर दिया था।

जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान इस निधि का डेढ़ करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था और बची हुई आखरी किस्त और 50 लाख की राशि चुनावों के बाद जारी होनी थी।

जयराम ठाकुर ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने बजट का हवाला देते हुए विधायकों को विकास के लिए दी जाने वाली राशि को रोक दिया।

जयराम ठाकुर ने सरकार के फैसले को जनता विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना काम करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ विपक्ष विधानसभा के अंदर और विधानसभा के बाहर सरकार का विरोध करता रहेगा।

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