देहरा। हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत श्रमिकों को प्रदेश सरकार जीवन भर विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाती है।
जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नंगल चैक में श्रमिकों के लिए आयोजित जागरुकता शिविर में कामगारों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने यह बात कही।
श्रम विभाग द्वारा आयोजित इस शिविर में उन्होंने बताया कि एक वर्ष में कम से कम 90 दिन तक मनरेगा, सरकार/पंचायत द्वारा संचालित निर्माण कार्य या निजी निर्माण कार्य में कार्यरत कोई भी श्रमिक विभाग के साथ पंजीकृत हो सकता/सकती है।
उन्होंने बताया कि विभाग से साथ पंजीकृत कामगारों और उनके परिवार को आजीवन बच्चों की पढ़ाई, विवाह, मातृत्व/पितृत्व प्रसुविधा, चिकित्सा सहायता, विकलांगता पैंशन सहित मृत्यु तक आर्थिक सहायता देने का कार्य सरकार करती है।
उन्होंने बताया कि विभाग से साथ पंजीकृत जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के श्रमिकों को वर्तमान सरकार ने अभी तक लगभग 91 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई है।
जिसमें श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 3351747 रूपये, विवाह हेतु 4148000 रूपये, मातृत्व सहायता हेतु 100000 रूपये, मृत्यु उपरांत आश्रितों को 1400662 रूपये और चिकित्सा सहायता के लिए 169451 रूपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई है।
इसके अतिरिक्त जसवां परागपुर के पंजीकृत कामगारों को विभिन्न योजनाओं के तहत 508 सोलर हीटर, 611 सोलर लैम्प और 421 साईकिल उपलब्ध करवाई गई हैं।
उद्योग मंत्री ने कार्यक्रम में बोर्ड के साथ पंजीकृत 854 मनरेगा कामगार लाभार्थियों को पंजीकरण पहचान पत्र वितरित किए और अन्य लोगों को भी बोर्ड के साथ जुड़कर सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया।
इसके अतिरिक्त उन्होंने शगुन योजना के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर 15 परिवारों को कन्या विवाह हेतु 465000 रूपये के चेक भी वितरित किए।
कार्यक्रम में जिला श्रम अधिकारी आर.के. शर्मा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी सबके समक्ष रखी। उन्होंने भारत सरकार द्वारा शुरु किए गए ई-श्रम पोर्टल पर भी सभी कामगारों को पंजीकृत करने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत कामगारों के आश्रितों को दुर्घटना से पूर्ण रूप से विकलांग होने या मृत्यु होने पर दो लाख रूपये और आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक रूपये का बीमा कवर भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।