ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) विद्युत क्षेत्र के प्रमुख उपक्रम ने, आज कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में मेसर्स टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय के तहत भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके एक अग्रणी पहल की शुरूआत की है।
यह ऐतिहासिक समझौता टिहरी हाइड्रो पावर प्लांट के स्टेट आफ आर्ट 3डी-स्कैन डिजिटल ट्विन के विकास पर केंद्रित है। इस परियोजना में मेटावर्स इंवायरमेंट के साथ इसका एकीकरण करके उच्च स्तर पर सार्वजनिक पहुंच के लिए टिहरी संग्रहालय में एक उन्नत एप्लिकेशन प्रणाली का समयोजन किया जाना है।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर के विश्नोई ने टिहरी संग्रहालय के विकास को उच्च स्तर प्रदान करने में टीएचडीसीआईएल टीम की उनके समर्पित प्रयासों के लिए सराहना की।
विश्नोई ने हितधारकों के साथ जुड़ने एवं आगंतुकों को टिहरी जल विद्युत परियोजना की प्रमुख विशेषताओं से परिचित कराने में प्रोजेक्ट के महत्वाकांक्षी स्कोप को रेखांकित किया।
इस प्रोजेक्ट का केंद्र 3डी लेजर स्कैनिंग की सूक्ष्म प्रक्रिया है, जो संयंत्र में स्थापित चार में से एक विद्युत उत्पादन इकाई की विस्तृत ज्योमैट्रिक एवं टैक्सचर को दर्शाएगा। सटीक और हाई -रिज़ॉल्यूशन डिजिटल ट्विन तैयार करने के लिए इस डाटा को कार्यान्वित और प्रतिपादित किया जाएगा।
मेटावर्स इंवायरमेंट के साथ एकीकरण से टीएचडीसीआईएल की प्रमुख उपलब्धि यानी 1000 मेगावाट के टिहरी हाइड्रोपावर प्लांट की वर्चुअल एक्सप्लोरेशन को टिहरी संग्रहालय में गाइडेड टूर या फ्री-रोम मोड में इंटरैक्टिव बनाने में सक्षम बनाएगा।
विश्नोई ने कहा, कि आगंतुकों के अनुभवों में वृद्धि करने के साथ-साथ टीएचडीसीआईएल का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित इस अत्याधुनिक पहल का लाभ उठाना है, जो देश एवं देश के बाहर के अभियंताओं को हाइड्रो प्रोजेक्ट के विभिन्न प्रमुख घटकों, जैसे टनल, पावर हाउस, बांध आदि का विशेष रूप से संचालन एवं अनुरक्षण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का वास्तविक अनुभव प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है।
इस कार्य के विकास में अनुप्रयोग एवं उपयोग के लिए व्यापक प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना एवं शैक्षिक आख्यानों को डिजाइन करना शामिल है जो हाइड्रो पावर के इतिहास, प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रकाश डालते हैं।
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) शैलेन्द्र सिंह ने मेटावर्स आधारित वर्चुअल प्लांट के रणनीतिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फिजिकल टूर को इमर्सिव वर्चुअल, लगभग वास्तविक जीवन के अनुभवों से बदलने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया, जिससे आउटरीच और शैक्षिक अवसरों का विस्तार होगा।
इसके अलावा, यह पहल व्यावसायीकरण, एवं ऊर्जा क्षेत्र में एक दूरदर्शी, प्रगतिशील इकाई के रूप में टीएचडीसीआईएल की ब्रांड छवि को और उच्च स्तर प्रदान करने का भरोसा भी प्रदान करती है।
इस अवसर पर, निदेशक (तकनीकी) भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि टिहरी हाइड्रो पावर प्लांट का मेटावर्स इंवायरमेंट में एकीकरण टीएचडीसीआईएल के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने और पब्लिक एन्गैज्मन्ट को बढ़ाने के माध्यम से, टीएचडीसीआईएल ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता, नवाचार और हितधारक के साथ संचार के नए मानक स्थापित करने के लिए तैयार है।
इस समझौता ज्ञापन पर टीएचडीसीआईएल की ओर से एस के चौहान, विभागाध्यक्ष (आर एंड डी) एवं टीसीआईएल की ओर से राजेश पुरी, मुख्य महाप्रबंधक (आईटी एंड टी-बीडी) ने हस्ताक्षर किए।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में, टीएचडीसीआईएल को डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन में अपने अनुकरणीय नेतृत्वों के लिए प्रतिष्ठित पीएसयू लीडरशिप एवं एक्सीलेंस अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार डॉ. जितेंद्र सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भू.विज्ञान, एमओएस पीएमओ पीपी/डीओपीटी, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार टीएचडीसीआईएल की नवाचार और अत्याधुनिक तकनीकों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है साथ ही संगठन को ऊर्जा उद्योग के विकास में सबसे आगे बनाए रखने में सहायक है।