टीएचडीसीआईएल की 750 करोड़ की कॉर्पोरेट बॉन्ड सीरीज-10 8 गुना ओवरसब्सक्राइब

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ऋषिकेश। विद्युत क्षेत्र की प्रमुख अग्रणी पीएसयू टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने टीएचडीसीआईएल कॉर्पोरेट बॉन्ड्स सीरीज-10 जारी करके बाजार से 750 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक जुटाकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर के विश्‍नोई ने टीएचडीसीआईएल में निवेशकों के जबरदस्त भरोसे पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि इस इश्यू में 250 करोड़ रुपये का बेस साइज और 500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प शामिल है, यानी कुल इश्यू साइज 750 करोड़ रुपये का है, जो कि 10 वर्ष के समय के लिए है।

इस इश्यू के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का उपयोग आंशिक रूप से टीएचडीसीआईएल की चल रही और निर्माणाधीन परियोजनाओं की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिसमें पहले से किए गए व्यय की भरपाई तथा मौजूदा ऋणों को पुनर्वित्त करना भी शामिल है।

उन्होंने आगे उल्लेख किया कि बांड इश्यू में काफी निवेशकों ने रुचि प्रकट की है, जिससे मूल इश्यू साइज से लगभग 8 गुना ओवरसब्सक्राइब, जो कि 2072.42 करोड़ रुपये की धनराशि थी, प्राप्‍त हुआ।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल की वित्तीय स्थिरता और परिचालन प्रदर्शन में निवेशकों के विश्वास को रेखांकित करती है। प्रति वर्ष 7.76% की प्रतिस्पर्धी कूपन दर के साथ बीएसई-इलेक्ट्रॉनिक बिडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जारी किए, टीएचडीसीआईएल कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेशकों के भरोसे को और दृढ़ता प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त, इन बॉन्ड्स को इंडिया रेटिंग्स से “एए आउटलुक पॉजिटिव” और केयर से “एए आउटलुक स्टेबल” की क्रेडिट रेटिंग प्राप्त हुई है, जो कंपनी की सुदृढ़ क्रेडिट स्‍थिति को दर्शाती है।

इस सफल बांड इश्यू के लिए बोली 27 मई को टीएचडीसीआईएल के कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में आयोजित हुई।

टीएचडीसीआईएल ने न केवल जल विद्युत उत्पादन में बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपनी देशव्यापी उपस्थिति के साथ उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की है। वर्तमान में, टीएचडीसीआईएल श्रेणी-I मिनी रत्न शेड्यूल-ए का केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीपीएसयू) है।

वर्तमान में कंपनी की प्रचालन क्षमता 1587 मेगावाट है, जिसमें जल विद्युत, पवन और सौर ऊर्जा शामिल है। इसके अलावा, टीएचडीसी अपनी क्षमताओं का विस्‍तार करने की प्रक्रिया में है, जिसमें 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट सहित 1444 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता की अभिवृद्धि शामिल है।

इसके अलावा, उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 1320 मेवा का खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट भी निर्माण के अंतिम चरण में है। यह भी उल्लेखनीय है कि टीएचडीसीआईएल के पास मध्य प्रदेश के अमेलिया में, परिचालित कोयला खदानें भी हैं, जिनका वाणिज्यिक परिचालन अपने निर्धारित समय से छह महीने पहले शुरू हो गया है, जो एक विशेष उपलब्धि भी है।

अभी तक, टीएचडीसीआईएल ने बांड की कुल 10 सीरिज जारी की हैं एवं कॉर्पोरेट ऋण बाजार से 8542 करोड़ रु की धनराशि सफलतापूर्वक जुटाई है। इन सभी बांड इश्‍यू के दौरान निवेशकों ने टीएचडीसीआईएल पर विशेष विश्वास व्‍यक्‍त किया है।

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