नेरवा, नोबिता सूद। नेरवा कॉलेज मैदान में महिला दिवस के अवसर पर विकास खंड चौपाल द्वारा आयोजित करवाई गई तीन दिवसीय महिला खेलकूद प्रतियोगिता संपन्न हो गई। इस प्रतियोगिता में चौपाल विकास खंड की 117 टीमों ने भाग लिया। इस मौके पर बीडीओ चौपाल तन्मय कंवर मुख्यातिथि तथा सहायक अभियंता अनिल रांटा गेस्ट ऑफ़ ओनर के रूप में उपस्थित रहे।
कबड्डी के फाइनल मुकाबले में टिकरी की टीम ने मुंडली को एक बेहद करीबी एवं रोमांचक मुकाबले में मात्र एक अंक से धूल चटा कर ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमा लिया, जबकि रस्साकस्सी में देवत ऐ की टीम ने प्रगतिशील देवत को पटकनी देकर खिताब अपनी झोली में डाला।
इसी प्रकार एकांकी नाटक में खगना की महिलाओं ने कुताह पंचायत की महिलाओं को शिकस्त देकर खिताब अपनी झोली में डाला तथा सामूहिक नृत्य में नई नवेली ग्राम पंचायत गढ़ा-बजाथल ने जीत का परचम लहराया, जबकि खगना को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।
मुख्यातिथि ने कबड्डी एवं रस्साकस्सी की विजेता टीमों को इक्कीस इक्कीस हजार तथा उपविजेता टीमों को ग्यारह-ग्यारह हजार रूपये, नाटक व सामूहिक नृत्य की विजेता को ग्यारह-ग्यारह हजार और उपविजेता टीमों को 5500-5500 एवं ट्रॉफियां प्रदान कर सम्मान्नित किया ।
मोमबत्तियां, साबुन तथा होली के लिए प्राकृतिक रंग के लगाए गए स्टाल विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर रेखा चौहान,संजीव कुमार,नवीन सिंगटा, भारत ठाकुर, राहुल सूर्यवंशी, ज्ञान ज़िंटा, रमेश चौहान, प्रताप सिंह, राजेश कांटा, लाखी राम, विनोद चौहान, सुरेंद्र राठौर, सुनील स्धामटा, मोहिंदर भगत नामटा, अतर सिंह गुमान सिंह, श्याम धर्मायक, कमलेश अज़टा, बिमला जमिहान, गोपाल सिंह चौहान, रतीश चौहान, रमेश भीमटा, दिनेश घुंटा, अमर चौहान एवं अशोक रांटा आदि पंचायत प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
बीडीओ चौपाल तन्मय कंवर ने प्रतियोगिता के सफल संपन्न करवाने में सहयोग देने के लिए एसडीपीओ चौपाल राज कुमार, राजकीय महाविद्यालय नेरवा एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाल नेरवा के समस्त स्टाफ, समस्त पीईटी, डीपीई, जलशक्ति, लोक निर्माण विभाग, एचआरटीसीआईटीआई एसडी पब्लिक स्कूल, स्थानीय प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया मंच संचालक कमलेश शर्मा, प्रायोजक मुकेश शर्मा (मॉडर्न स्पोर्ट्स), स्मार्ट हब नेरवा, पीसी स्पोर्ट्स, सीसीए, वर्मा स्पोर्ट्स, गोपाल दिलाइक एवं वीडियोग्राफर गोल्डी कलसाईक का आभार व्यक्त किया है।
इस अवसर पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पहाड़ी अनाज कोदा (मंडवा),चौलाई तथा महिलाओं द्वारा निर्मित परम्परिक पहाड़ी व्यंजन सिड्डू, घघरी, कापरु, खिंडा के अलावा सेब का जैम, साइडर विनेगर के स्टाल के साथ साथ इन महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित शॉल, टोपियां, रंग बिरंगी मोमबत्तियां तथा होली के लिए विशेष रूप से तैयार किये गए प्राकृतिक रंगों के स्टाल विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।