टैक्सों, जुर्मानों व चालानों के दम पर देश को लूट रही सरकार : राणा

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हमीरपुर। चारों तरफ से जनता को महंगाई की मार मार रही सरकार ने अब रेल किराया 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है। प्रचंड बहुमत के मद में मस्त हो चुकी सरकार टैक्सों, जुर्मानों व चालानों का चाबुक चलाकर अब जनता से वसूली करने पर पूरी तरह आमादा हो गई है।

यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि नियमों, कायदे, कानूनों का हवाला देकर अब मजबूर जनता से हर बहाने वसूली करके सरकार अपना काम चलाना चाह रही है।

कुप्रबंधन के कारण हर मोर्चे पर फेल-फ्लॉप हो चुकी सरकार ने अब महंगाई पर नायाब दलील यह दी है कि रेलवे ने अनावश्यक यात्रियों की भीड़ कम करने के लिए यह कदम उठाया है। राणा ने कहा कि इसे ऐसे समझा जाए कि अब आवश्यक रेल यात्रियों का किराया अनावश्यक रेल यात्रियों से वसूला जाएगा।

सरकार का तर्क है कि कम दूरी के किराए में इस कारण से इजाफा किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि कम दूरी रेल के यात्री अब कैसे सफर करें। क्योंकि न उनके पास कार-मोटर का प्रबंध है, न ही वो टैक्सी में सफर कर सकते हैं। उनके लिए रेल ही एक मात्र साधन था जिसके किराए में अब सरकार ने स्पेशल सिस्टम के तहत 30 फीसदी किराया बढ़ाया है।

राणा ने तंज कसते हुए कहा कि आए दिन इस स्पेशल के नाम पर इस देश को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की आसमान छूती महंगाई के नाम पर सरकार बता रही है कि सर्दी का मौसम खत्म होते ही पेट्रोलियम पदार्थों के दाम घटेंगे।

पेट्रोलियम मंत्री का यह तर्क उस समय आया है जब सर्दी देश से विदा हो चुकी है। पेट्रोलियम मंत्री का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढऩे के कारण पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के रेट बढ़ रहे हैं।

राणा ने कहा कि सरकार देश की जनता को बताए कि वर्ष 2008 में जब कच्चे तेल का दाम 147 डालर प्रति बैरल था तब देश में पेट्रोल 50 रुपए लीटर बिकता था और अब जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 62 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल का रेट है तो देश में 100 रुपए पेट्रोल क्यों और किस कारण से बिक रहा है, इसका जवाब देश को सरकार दे?

राणा ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि मौजूदा दौर में सच वह नहीं है जो सच है, सच वह है जो सत्ता बता रही है। इस तर्क को लेकर सरकार आए दिन लूटने के नए-नए मसौदे तैयार कर रही है।

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