हिमाचल में 30 नवंबर तक बनेगा प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य पहचान-पत्र

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आईजीएमसी के वार्षिक कार्यक्रम स्टिमुलस के समापन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल, शिमला के वार्षिक कार्यक्रम ‘स्टिमुलस’ के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 30 नवंबर तक राज्य में प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य पहचान-पत्र (हेल्थ आईडी कार्ड) तैयार कर लिया जाएगा, जिसमें मरीज की स्वास्थ्य सम्बंधी पूरी जानकारी होगी। यह चार दिवसीय कार्यक्रम ‘स्टिमुलस’ 10 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है। आईजीएमसी शिमला में आगामी एक वर्ष में उच्च स्तरीय अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी मेडिसन स्थापित किया जा रहा है।

सुपर स्पेशएलिटी अस्पताल चमयाणा और आईजीएमसी शिमला में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश सरकार पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है और आधुनिक उपकरण भी स्थापित किए जा रहे हैं।

युवा चिकित्सकों को प्रोत्साहित करते हुए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जीवन में हार से घबराने की आवश्यकता नहीं होती तथा सभी प्रशिक्षु लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि मेहनत के बिना जीवन में किसी भी मुकाम तक नहीं पहुंचा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए अपने छात्र काल के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि कॉलेज के दिनों से ही वह राजनीति से जुड़ गए तथा इसी क्षेत्र में आगे जाने का लक्ष्य रखा था। छात्र जीवन में उन्होंने कई चुनाव लड़े और शिमला नगर निगम में पार्षद भी रहे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अनेक पदों पर उन्होंने कई उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया और वर्ष 2003 में विधायक का चुनाव जीता। कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष बनने का भी उन्हें अवसर दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईजीएमसी शिमला की एससीए को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किये।

इस अवसर पर आईजीएमसी के डॉक्टरों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष में 6.11 लाख रुपए का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने 15 से 17 मार्च, 2024 तक मनाली में आयोजित होने वाली वार्षिक नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन का पोस्टर भी जारी किया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अपने छात्र जीवन काल की याद दिलाते हैं। ऐसे आयोजनों से उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है और उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि यह हमारे सामने आज सबसे बड़ी चुनौती है। नशे के कारण समाज में नई तरह की मुश्किलें सामने आ रही हैं। उन्होंने आईजीएमसी के स्थापना दिवस पर भी बधाई दी।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

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