शिमला। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड के इंजीनियर-इन-चीफ स्वर्गीय विमल नेगी के निधन के मामले की जांच उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को सौंपे जाने के निर्णय को स्वीकार करती है।
उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और सरकार आरम्भ से ही इस पूरे मामले में पारदर्शिता, निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से प्रयासरत रही है।
उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वयं पीड़ित परिवार से संपर्क किया और उनकी मांग पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल पदों से हटाने के निर्देश दिए और जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
इसके पश्चात परिवार द्वारा एफआईआर दर्ज करने और अधिकारियों को निलंबित करने जैसी सभी मांगों को भी सरकार ने प्राथमिकता से स्वीकार किया।
नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार की सोच पहले दिन से ही स्पष्ट रही है। सरकार ने सच्चाई को सामने लाने और परिवार को न्याय दिलाने के हर सम्भव प्रयास किए हैं।
इस मामले में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को निष्पक्ष जांच का कार्य सौंपा गया था। अब जब उच्च न्यायालय ने इस जांच को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है, सरकार इस निर्णय का सम्मान करती है और जांच में पूरा सहयोग देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस पूरे मामले की लगातार निगरानी कर रहे हैं और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से हो। सरकार की यह सोच रही है कि इस प्रकार के मामलों में संवेदना के साथ-साथ त्वरित न्याय को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय विमल नेगी के परिवार को यदि यह प्रतीत होता है कि किसी पहलू की जांच छूट गई है, तो निश्चित तौर से सीबीआई इस मामले के सभी पहलुओं की गहन जांच करेगी ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।