नेरवा,नोविता सूद। आर डी डी शो ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ द्वारा गुरूवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर फिल्म जगत की संगीत से जुडी कई जानी मानी हस्तियों ने शिरकत कर भारत रतन स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इन सभी हस्तियों का संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर के साथ गहरा सम्बन्ध रहा है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उपस्थित पंकज उधास सहित बॉलीवुड जगत की संगीत से जुडी दलीप सेन, सुदेश भोसले, हनी सातमकार, अरविन्द हल्दीपुर, सुभाष पर्व, सुहास पर्व, किशोर सोधा, गिरीश विश्वा एवं ठाकुर सिंह नेगी ने स्वर कोकिला के साथ जुडी यादों के अपने अनुभव साझा किये।
शो से रोमांचित आर डी डी शो की ऑनर रिड्ज़ ने बताया कि जिनके संगीत भरे मधुर गानों को सुनकर हम बड़े हुए हैं, जो हमेशा अमर रहेंगे उनको श्रद्धांजलि देने का मौका मिला वो भी उनके साथ जिन्होंने इतने सालों तक लता जी के साथ काम किया है।
रिड्ज ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे स्वर कोकिला लता जी के बारे मे जानने का मौका मिला। शो मे उपस्थित रहे भजन सम्राट पद्मश्री अनुप जलोटा ने स्वरकोकिला लता मंगेशकर के साथ कई गीत गाए हैं।
बॉलीवुड म्यूजिक डायरेक्टर दिलीप सेन की बात करें तो लता ने इनके कंपोज़ किये हुए कई गानों को अपना स्वर दिया है। इंडियन प्लेबैक सिंगर सुदेश भोसले ने लता के साथ काफी लाइव शो किये हैं तथा गीत गाये हैं।
गिटारिस्ट हनी सातमकर एवं अरविन्द हल्दीपुर गिटारिस्ट उनके के परमानेंट गिटारिस्ट थे। म्यूजिशियन दोनों जुड़वां भाई सुभाष परब व सुहास परब ने 1987 से लेकर स्वर कोकिला लता मंगेशकर के साथ काम किया है।
ट्रम्पिट किंग ऑफ़ इंडियन किशोर सोधा लाता मंगेशकर के परमानेंट ट्रम्पिट थे। गिरीश विश्वा म्यूजिशियन ने इनके साथ काम किया है तथा ठाकुर सिंह नेगी सेक्सोफोनिस्ट उन के परमानेंट सेक्सोफोनिस्ट थे।
इन सभी हस्तियों ने लता मंगेशकर के साथ बिताये हर लम्हे की अपनी यादों को शो के माध्यम से साझा किया। भारत रत्न’ से सम्मानित स्वर-कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया। उन्होंने 92 वर्ष की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
स्वर-कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिला।
लता मंगेशकर ने केवल हिंदी भाषा में पच्चास हजार से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दी थी। उन्हें साल 1989 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। साल 2001 में लता मंगेशकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया।