लाहौल स्पीति। स्पीति में स्नो फेस्टिवल के तहत तोद घाटी ज़ोन लोसर गांव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्पीति की पारंपरिक वस्तु और दैनिक दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली चीजों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
एक दिवसीय कार्यक्रम में एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए यहां पर लगी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। यहां पर स्थानीय लोगों ने बर्फ से कई कलाकृतियां बनाई थी जिनमें हाथी, घोड़ा, खरगोश , स्तूप, चिड़िया आदि आकर्षण का केंद्र रही। लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान रंगारंग प्रस्तुतियां दी।
महिला मंडल लोसर ने टाशी (जो कि शगुन का नृत्य माना जाता है) पेश किया।
जीएसएसएस लोसर की छात्राओं ने पारम्परिक डांस , यूथ क्लब ने याक डांस और डेकर नृत्य पेश किया। प्रदर्शनी में स्पिती के लाईफ स्टाइल से जुड़ी हुई सभी वस्तुओं की प्रदर्शनी की गई जिसमें कपड़े, जूते, टोपी, बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार आदि धार्मिक पूजा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं शामिल थीं।
सत्तू कैसे बनाते, माने (स्टोन आर्ट) में किस तरह काम होता है वो भी प्रदर्शनी में दिखाया गया । पुराने समय में शॉल ऊन से किस तरह बनाई जाती है प्रदर्शनी में लोगों को यह भी बताया । कार्यक्रम में एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोगों ने कम समय में सीमित साधनों के बावजूद भी बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम का आयोजन किया इसके लिए यहां के सभी लोग बधाई के पात्र हैं।
प्रदर्शनी में जो स्पीति की संस्कृति और विरासत से जुड़ी हुई वस्तुएं दिखाई गई, वे अपने आप ही यहां पर्यटक को आने के लिए मजबूर करती हैं। बर्फ से सुंदर कलाकृतियां बनाकर यहां के युवकों ने यह साबित कर दिया कि उनके अंदर टैलेंट की कमी नहीं है।
युवाओं को अगर प्रशिक्षण दिया गया तो स्पीति में आर्थिकी और पर्यटन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने कहा कि प्रशासन पूरा प्रयास करेगा कि युवाओं को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि अपनी पारंपरिक विरासत को आगे बढ़ाते रहें।
स्नो फेस्टिवल लाहौल स्पीति में पिछले 1 महीने से शुरू हो चुका है। यहां की संस्कृति से जुड़े हुए हर गांव में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पर्यटन की दृष्टि से और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के लिए स्नो फेस्टिवल मनाया जा रहा है और स्थानीय लोगों की इस फेस्टिवल में सबसे बड़ी भूमिका है।
आगे आने वाले दिनों में स्पीति के अन्य गांव में इस तरह के कार्यक्रम स्नो फेस्टिवल के तहत आयोजित किए जाएंगे, जिनमें यहां के इतिहास रहन-सहन विरासत को दर्शाने की कोशिश की जाएगी।