शिमला पुलिस की रफ्तार पर नजर, ओवर स्पींडिंग की तो भुगतना होगा खामियाजा

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शिमला। राजधानी शिमला में दुर्घटनाओं में कमी लाने को लेकर शिमला की स्मार्ट पुलिस ने स्पीड रडार इंस्टॉल किए हैं। शिमला पुलिस की ओर से शहर के पांच जगहों पर इन रडार को लगाया गया है। यह रडार सड़क पर गुजरने वाली गाड़ियों की स्पीड पर पैनी नजर बनाए रखता है।

स्पीड राडार लगाने का काम दो चरणों में हो रहा है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा रहा है। शिमला पुलिस की ओर से लोगों को कम गति में वाहन चलाने के लिए भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है।

आने वाले दिनों में स्पीड लिमिट तोड़ने करने पर गाड़ी चालकों के चालान भी काटे जाएंगे. यह चालान रडार पर स्पीड लिमिट से ज्यादा गति आने पर ऑटोमेटिक चालान जेनरेट कर देगा।

शिमला पुलिस के ट्रैफिक डीएसपी अजय भारद्वाज ने बताया कि पुलिस की ओर से पांच जगहों पर स्पीड राडार इंस्टॉल किए गए हैं। यह स्पीड राडार तकनीक के माध्यम से सड़क पर गुजर रहे वाहनों की स्पीड रिकॉर्ड कर लेता है। फिलहाल लोगों को केवल जागरूक किया जा रहा है।

आने वाले दिनों में स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर लोगों के चालकों के चालान भी काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले तेज गति के कारण होते हैं। ऐसे में लोगों को कम गति में वाहन चलाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शिमला पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को जाहिर करने के लिए पांच इन स्पीड रडार को स्थापित किया गया है।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सड़क संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 12.5 लाख लोगों की हर साल सड़क हादसों में जान जाती है।

दुनिया भर में वाहनों की कुल संख्या का महज 3% हिस्सा भारत में है, लेकिन देश में होने वाले सड़क हादसों और इनमें जान गंवाने वालों के मामले में भारत की हिस्सेदारी 12.06% है।

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